विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना को मिला ‘निस्तार’, पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल हुआ कमीशन

खबर शेयर करें

विशाखापत्तनम/नई दिल्ली। भारतीय नौसेना को शुक्रवार को एक नई ताकत मिली। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विकसित किया गया देश का पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) ‘आईएनएस निस्तार’ को विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में कमीशन किया गया। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी की उपस्थिति में इसे औपचारिक रूप से नौसेना को समर्पित किया।

‘निस्तार’ पूरी तरह से हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा भारत में ही डिजाइन और निर्मित किया गया है। इसमें 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी उपकरणों और तकनीक का उपयोग हुआ है और इसे लगभग 120 एमएसएमई इकाइयों के सहयोग से तैयार किया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी: स्वरोजगार की मिसाल बनीं हेमलता गुप्ता, मठरी उद्यम से बढ़ाई आय

करीब 120 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और 10,500 टन वजनी यह युद्धपोत गहरे समुद्र में गोताखोरी, पनडुब्बी बचाव अभियान और पानी के भीतर जटिल ऑपरेशनों में सक्षम है। इसमें बहुस्तरीय सैचुरेशन डाइविंग कॉम्प्लेक्स, रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROV) और डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल्स (DSRV) के संचालन की सुविधा उपलब्ध है। संकट की स्थिति में यह पोत पनडुब्बी चालक दल को सुरक्षित निकालने में भी अहम भूमिका निभा सकता है।

यह भी पढ़ें 👉  भारत ने यूएससीआईआरएफ रिपोर्ट को बताया पक्षपातपूर्ण, तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप

रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस जहाज का वीडियो साझा करते हुए बताया कि ‘निस्तार’ भारतीय नौसेना की पानी के भीतर अभियानों की क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाला प्लेटफॉर्म है। संस्कृत शब्द ‘निस्तार’ का अर्थ है—उद्धार या बचाव, जो इस जहाज के मिशन को परिभाषित करता है।

यह भी पढ़ें 👉  भारत ने ख्वाजा आसिफ के सोशल मीडिया अकाउंट पर कसा शिकंजा, परमाणु धमकी पर कड़ा रुख

आईएनएस निस्तार की तैनाती के साथ ही भारत ने नौसैनिक प्लेटफॉर्म निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है। यह पोत भारतीय नौसेना की ताकत को तकनीकी दृष्टि से मजबूत करने के साथ-साथ देश के रक्षा औद्योगिक आधार को भी नई ऊंचाई देगा।