आईआईटीयन से बने “इंजीनियर बाबा”, कुंभ में आध्यात्मिक आकर्षण का केंद्र

खबर शेयर करें

प्रयागराज। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले, महाकुंभ में इस बार “इंजीनियर बाबा” के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने वाले अभय सिंह ने सांसारिक मोह-माया त्यागकर आध्यात्म का मार्ग चुना और अब प्रयागराज में श्रद्धालुओं को विज्ञान और अध्यात्म का संगम समझा रहे हैं।

कनाडा की नौकरी छोड़ अपनाया सन्यास
अभय सिंह ने बताया कि आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग के बाद उन्हें कनाडा में तीन लाख रुपये प्रति महीने की सैलरी वाली नौकरी मिली। सैलरी बढ़ने के बावजूद उन्हें जीवन में एक खालीपन महसूस हुआ। “ऐसा लगता था कि जो विज्ञान मैंने पढ़ा, वह अधूरा है। असली विज्ञान तो आध्यात्म में है,” उन्होंने कहा।

यह भी पढ़ें 👉  भारी बारिश अलर्ट: बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब और केदारनाथ यात्रा 14 अगस्त तक स्थगित

परिवार और संघर्ष
हरियाणा में जन्मे और दसवीं तक पढ़ाई करने वाले अभय सिंह के पिता वकील हैं और उनकी बहन कनाडा में रहती हैं। अभय सिंह ने स्वीकार किया कि सामाजिक बंधनों को तोड़कर सन्यास का मार्ग अपनाना आसान नहीं था। उन्होंने कहा, “अब मैं घर नहीं जाता। यह मेरा चुना हुआ रास्ता है, और इसमें मुझे शांति मिलती है।”

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: 25 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, 10 अक्टूबर तक चलेगी यात्रा

आध्यात्म ही असली विज्ञान
महाकुंभ में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए इंजीनियर बाबा ने कहा, “जिस विज्ञान को मैंने आईआईटी में पढ़ा, वह अधूरा था। आध्यात्म वह विज्ञान है, जो आत्मा और ब्रह्मांड को जोड़ता है। यही जीवन का वास्तविक सत्य है।”

यह भी पढ़ें 👉  सीबीएसई 2026-27 से साल में दो बार कराएगा बोर्ड परीक्षा, वैश्विक पाठ्यक्रम भी होगा लागू

कुंभ का आकर्षण
इंजीनियर बाबा न केवल अपने ज्ञान बल्कि अपने जीवन की प्रेरणादायक यात्रा के लिए भी महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। उनके विचारों और अनुभवों को सुनने के लिए हर दिन बड़ी संख्या में लोग उनके शिविर में पहुंच रहे हैं।

उनकी कहानी आधुनिकता और आध्यात्म के संगम की एक मिसाल है, जो यह संदेश देती है कि विज्ञान और अध्यात्म एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।

You cannot copy content of this page