एनडीए की पासिंग आउट परेड में रचा गया इतिहास, पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने की ग्रेजुएशन पूरी

खबर शेयर करें

पुणे। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), खडकवासला के इतिहास में शुक्रवार को एक नया अध्याय जुड़ गया, जब 148वीं पासिंग आउट परेड में पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने ग्रेजुएशन पूरी की। 300 से अधिक पुरुष कैडेट्स के साथ कदम से कदम मिलाते हुए इन महिलाओं ने न सिर्फ परेड की शान बढ़ाई, बल्कि ‘नारी शक्ति’ का नया प्रतीक भी बन गईं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद यह अवसर महिला सशक्तिकरण और समावेशिता की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ है। परेड के मुख्य अतिथि मिजोरम के राज्यपाल और पूर्व सेना प्रमुख जनरल विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) ने महिला कैडेट्स की उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया।

यह भी पढ़ें 👉  हिंदुकुश क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके, तीव्रता 5.9, अफगानिस्तान फिर दहला

“ये अंत नहीं, एक नई शुरुआत है” – जनरल वी.के. सिंह

जनरल सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “आज का दिन एनडीए के इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण है। पहली बार महिला कैडेट्स ने यहां से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। यह न केवल महिला विकास बल्कि नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका को स्थापित करने वाला क्षण है। ये महिलाएं भविष्य की प्रेरणा बनेंगी।”

उन्होंने एनडीए की एकीकृत प्रशिक्षण प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि महिला और पुरुष कैडेट्स में कोई भेद नजर नहीं आया — यही एनडीए की असली ताकत है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड की युवतियों ने ड्रोन तकनीकी क्षेत्र में बनाई नई पहचान, 'ड्रोन दीदी' योजना से मिली सफलता

सैन्य नेतृत्व में नया मोड़

एनडीए की यह पहली महिला बैच भविष्य में थल, वायु और नौसेना में अधिकारी बनकर देश की रक्षा में योगदान देंगी। वाइस एडमिरल गुरचरण सिंह की उपस्थिति में आयोजित औपचारिक फोटो सत्र में यह कैडेट्स राष्ट्रीय सुरक्षा में लैंगिक समानता और समावेशिता के नए युग की प्रतीक बनकर उभरीं।

यह भी पढ़ें 👉  आंदोलन पड़ा भारी: कुलपति-कुलसचिव का वेतन रोका, कर्मियों के लिए 13 करोड़ जारी

भविष्य की प्रेरणा

परेड में शामिल महिला कैडेट्स अब उन लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा बनेंगी, जो देश सेवा का सपना देखती हैं। एनडीए में उनकी यह उपस्थिति न केवल एक नई सोच को दर्शाती है, बल्कि भारतीय सेना में बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने की अद्भुत मिसाल भी पेश करती है।