नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को रेपो रेट में 25 आधार अंकों यानी 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया। नई दर अब 6.25 प्रतिशत हो गई है, जो पहले 6.50 प्रतिशत थी। इस फैसले का सीधा असर होम लोन, कार लोन और अन्य ऋणों की ब्याज दरों पर पड़ेगा, जिससे इन लोन की किस्तें सस्ती हो सकती हैं।
पांच वर्षों में पहली कटौती:
आरबीआई ने पिछले पांच वर्षों में पहली बार रेपो रेट घटाने का फैसला किया है। इससे पहले मई 2020 में रेपो रेट को घटाकर 4 प्रतिशत किया गया था। यह निर्णय 5 से 7 फरवरी तक चली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद लिया गया।
महंगाई लक्ष्य नियंत्रण में:
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि महंगाई दर लक्ष्य के अनुरूप बनी हुई है और इसमें आगे भी कमी की संभावना है। वित्त वर्ष 2025 में खुदरा महंगाई दर 4.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2026 में यह 4.2 प्रतिशत हो सकती है।
विकास दर के अनुमान:
- वित्त वर्ष 2025: जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने की संभावना
- वित्त वर्ष 2026: जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत
- अगले वित्त वर्ष की तिमाही विकास दर: पहली तिमाही में 6.7%, दूसरी तिमाही में 7%, तीसरी और चौथी तिमाही में 6.5%
बिजनेस और अर्थव्यवस्था के लिए राहत:
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यह निर्णय देश के नागरिकों, व्यापार जगत और अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक साबित होगा। रेपो रेट में कटौती से निवेश को बढ़ावा मिलेगा और लोन धारकों को राहत मिलेगी।