रुद्रप्रयाग। गौरीकुंड के गौरीमाई खर्क में रविवार सुबह हुए हेलीकॉप्टर हादसे में सात लोगों की मौत के मामले में लापरवाही सामने आई है। मामले में आर्यन एविएशन कंपनी के दो वरिष्ठ अधिकारियों बेस मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। फाटा के राजस्व उप निरीक्षक ने यह रिपोर्ट सोनप्रयाग थाने में दर्ज कराई है।
तहरीर के मुताबिक, डीजीसीए और यूकाडा के मानकों की अनदेखी कर कंपनी ने तय समय से पहले उड़ान भरकर घोर लापरवाही बरती। आर्यन हेली कंपनी को सुबह 6 से 7 बजे का स्लॉट आवंटित किया गया था, लेकिन हेलिकॉप्टर ने 5.11 बजे ही उड़ान भर दी। लौटते वक्त 5.24 बजे हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि विजिबिलिटी शून्य होने के कारण हेलिकॉप्टर गौरीमाई खर्क में पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया।
जिम्मेदारों पर ये धाराएं लगीं
मैनेजरों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 105, भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 28/2025 और वायुयान अधिनियम 1934 की धारा 10 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाल राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि मुकदमे के बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
मृतकों के परिजनों को मुआवजा
आर्यन हेली एविएशन के एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को कंपनी की ओर से पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग करेगी।
घटना का विवरण
रविवार सुबह 5:21 बजे केदारनाथ से आर्यन हेली एविएशन का हेलिकॉप्टर छह यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ। लेकिन 5:25 बजे यह हेलिकॉप्टर गौरीकुंड से पांच किलोमीटर ऊपर गौरीमाई खर्क में घने कोहरे के बीच पेड़ से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलिकॉप्टर में आग लग गई और सभी सवारों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों की सूची
- पायलट: लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान (जयपुर)
- यात्री:
- राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), नंदीपेरा रोड, सैन मंदिर, महाराष्ट्र
- श्रद्धा सुरेश जायसवाल (35), पत्नी राजकुमार
- काशी (23 माह), पुत्री राजकुमार
- विक्रम सिंह रावत (46), रांसी गांव, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग
- विनोद देवी (66) और तुष्टि सिंह (19), सिविल लाइन-दो, बिजनौर, उत्तर प्रदेश
रेस्क्यू में लगी कई टीमें
हादसे की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस और यात्रा प्रबंधन बल की टीम मौके पर पहुंची और सभी शव बरामद कर जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग भेजे गए। हेलिकॉप्टर का मलबा भी जल चुका था, जिससे हादसे की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
हेली सेवाओं पर रोक
हादसे के बाद डीजीसीए ने दो दिन के लिए केदारनाथ के लिए सभी हेली सेवाओं पर रोक लगा दी है। मामले की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को सौंप दी गई है।