उत्तराखंड: फरार ‘गर्ग बिल्डर’ का बड़ा फर्जीवाड़ा!…एक ही फ्लैट कई लोगों को बेचकर निवेशकों–बैंकों के करोड़ों लेकर गायब

खबर शेयर करें


देहरादून। दून में रियल एस्टेट के नाम पर महाघोटाले का पर्दाफाश हुआ है। पुष्पांजलि इंफ्राटेक विवाद के बाद अब शाश्वत गर्ग और उसके परिवार ने आवासीय परियोजना के नाम पर करोड़ों रुपये हड़पकर फरार होकर वही किया, जिसकी आशंका निवेशक पहले से जता रहे थे। दीपावली के बाद से पूरा परिवार भूमिगत है।

पुलिस जांच में सामने आया है कि गर्ग परिवार ने एक ही फ्लैट को कई निवेशकों को बेचा, और साथ ही फर्जी तरीके से बैंकों से लोन भी पास कराया गया। इस खेल में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत भी उजागर हुई है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड : निजी अस्पताल में दो प्रसूताओं की मौत, परिजनों ने किया हंगामा, लापरवाही का आरोप

राजपुर थाना पुलिस ने आरोपी बिल्डर शाश्वत गर्ग, उसकी पत्नी साक्षी गर्ग, पिता प्रवीण गर्ग, मां अंजली गर्ग, तथा उसके दो साले सुलभ गोयल और कुशाल गोयल, साथ ही संबंधित बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

यह भी पढ़ें 👉  आदि कैलाश यात्रा: आज से इनर लाइन परमिट जारी, प्रतिदिन अधिकतम 500 यात्रियों को मिलेगी अनुमति

ऐसे सामने आया घोटाला
अंतरिम सोसाइटी प्रबंधन समिति आरकेडिया हिलाक्स के अध्यक्ष विवेक एस राज ने राजपुर थाने में शिकायत दी। उनके अनुसार मसूरी रोड पर चल रहे एक बड़े अपार्टमेंट प्रोजेक्ट में भारी वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं।

यह परियोजना अतुल गर्ग (निवासी राजनगर, गाजियाबाद) की जमीन पर विकसित हो रही थी। इसमें 121 फ्लैट बनाए जाने थे। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी प्रवीण गर्ग और उनके बेटे शाश्वत गर्ग के पास थी, जिनके साथ शाश्वत की पत्नी साक्षी गर्ग और हापुड़ निवासी उसके साले कुशाल व सुलभ गोयल भी साझीदार थे। प्रोजेक्ट में सेना और सरकारी विभागों के कई अधिकारियों ने फ्लैट खरीदे थे, जो अब धोखाधड़ी का शिकार बन चुके हैं।

You cannot copy content of this page