देहरादून। उत्तराखंड में बाघों की सुरक्षा को लेकर खासतौर पर चंपावत वन प्रभाग में बाघ का शव मिलने के बाद राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अलर्ट के बाद अपर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. विवेक पांडे ने सभी वन निदेशकों और वन संरक्षकों को सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
8 जनवरी को चंपावत वन प्रभाग के अंतर्गत एक बाघ का शव पाया गया, जिसके पंजों के नाखून गायब थे। इस घटना के बाद वन्यजीव अपराध पर कड़ी नजर रखने की जरूरत पर जोर दिया गया है।
निदेशकों और वन संरक्षकों को दिए गए निर्देशों में मुख्य बिंदु:
- सूचना तंत्र को अलर्ट मोड में रखना: वन विभाग के बैरियरों, चेक पोस्टों और प्रमुख मार्गों पर निगरानी रखी जाए।
- विशेष निगरानी: रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, साप्ताहिक बाजार जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखी जाए।
- डॉग स्क्वाड की मदद: संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाने के लिए डॉग स्क्वाड का इस्तेमाल किया जाएगा।
- गश्त और निगरानी: क्षेत्र में छोटी और लंबी दूरी की गश्त सुनिश्चित की जाए, साथ ही वाहनों से भी गश्त की जाएगी।
- संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाना: अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों में कड़ी निगरानी और गश्त की जाएगी।
- संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी: वन क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधि वाले व्यक्तियों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियों जैसे पुलिस, एसएसबी, आईटीबीपी और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो से भी सहयोग लिया जा सकता है। इस अलर्ट के जरिए राज्य में बाघों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है और किसी भी संभावित अपराध पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।