नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को बताया कि विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के सहयोग से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह रहे भगोड़े जगदीश पुनेठा को भारत वापस लाया गया है। सीबीआई ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की।
पुनेठा के खिलाफ इस साल की शुरुआत में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। उस पर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप हैं। मामला दर्ज होने के बाद वह भारत से फरार होकर यूएई चला गया था, जहां वह पिछले चार वर्षों से रह रहा था।
इंटरपोल के जरिये तलाश और यूएई पुलिस के साथ समन्वय
इंटरपोल के लिए भारत के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB) की भूमिका निभाने वाली सीबीआई ने पुनेठा का पता लगाने और उसे पकड़ने के लिए यूएई के कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ करीबी समन्वय किया। उत्तराखंड पुलिस के अनुरोध पर इस साल मई में इंटरपोल के माध्यम से उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, जिससे वैश्विक एजेंसियां उसकी गतिविधियों पर नजर रख सकें।
यूएई में पुनेठा की नजरबंदी के बाद उत्तराखंड पुलिस की एक टीम उसे हिरासत में लेने के लिए अबू धाबी गई और गुरुवार को उसे भारत वापस लेकर आई। सीबीआई ने कहा कि इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस दुनियाभर में प्रसारित किए जाते हैं ताकि वांछित अपराधियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने में मदद मिल सके। एनसीबी के रूप में सीबीआई भारतीय एजेंसियों के साथ “भारतपोल” प्लेटफॉर्म के जरिये समन्वय करती है।
पहले भी हो चुके हैं कई प्रत्यर्पण
सीबीआई ने बताया कि हाल ही में सितंबर महीने में आतंकवाद से जुड़े मामलों के आरोपी भगोड़े परमिंदर सिंह को भी यूएई से प्रत्यर्पित किया गया था। उस पर आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने का आरोप था। एजेंसी के अनुसार, इस तरह के अंतरराष्ट्रीय समन्वय और तंत्रों का उपयोग करते हुए पिछले कुछ वर्षों में 150 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।
