देहरादून: 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड की सोनिया ने बिना उचित जूतों के दौड़कर 10,000 मीटर रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सबका दिल जीत लिया। उनकी इस सफलता ने न केवल खेल जगत बल्कि पूरे देश को प्रेरित किया है।
सोनिया के पास दौड़ने के लिए सही साइज के जूते नहीं थे, क्योंकि खेल की किट में दिए गए जूते उनके पैरों के आकार (3 नंबर) के नहीं थे। यह स्थिति उनके लिए चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन सोनिया ने हार नहीं मानी और अपनी कड़ी मेहनत व लगन से पदक हासिल किया।
खेल विभाग ने तुरंत की मदद
जब यह खबर 38वीं राष्ट्रीय खेलों के विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने सोनिया को शाम तक अपने कार्यालय बुलाकर नए जूते दिए और सम्मानित किया।
छह लाख रुपये और नौकरी की घोषणा
सोनिया के इस असाधारण प्रदर्शन को सराहते हुए अमित सिन्हा ने घोषणा की कि उत्तराखंड सरकार की ओर से उन्हें छह लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा, “सोनिया ने राज्य का नाम रोशन किया है, और उनका सम्मान किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार हमेशा ऐसे मेहनती खिलाड़ियों के समर्थन में खड़ी रहेगी।”
प्रेरणा बनीं सोनिया
सोनिया का यह संघर्ष दिखाता है कि संसाधनों की कमी मेहनत और लगन के सामने बौनी पड़ जाती है। उनकी यह कहानी उन लाखों खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन गई है जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं।