देहरादून। उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों की बढ़ती शिकायतों के बाद अस्थायी रूप से रोकी गई स्मार्ट मीटरों की स्थापना प्रक्रिया अब दोबारा शुरू होने जा रही है। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) के निदेशक परिचालन एम.आर. आर्य ने इस संबंध में अधीक्षण अभियंता और स्मार्ट मीटरिंग के सीईओ को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही प्रदेशभर में मीटर बदलने और स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य फिर से शुरू हो जाएगा।
22 नवंबर को रोकी गई थी प्रक्रिया
22 नवंबर को जारी आदेश में कहा गया था कि उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान तक स्मार्ट मीटर बदलने का काम रोक दिया जाए। इस दौरान प्रदेशभर में विशेष मेगा कैंप आयोजित हुए, जिनमें उपभोक्ताओं की दिक्कतों का समयबद्ध निस्तारण किया गया। विभाग के अनुसार, इन कैंपों में मिले सकारात्मक फीडबैक ने प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने का आधार बनाया है।
अब फिर शुरू होंगे सभी मीटर संबंधी कार्य
नए आदेश में साफ कहा गया है कि—
- पुराने मीटर बदलने का कार्य
- स्मार्ट मीटरों की स्थापना
- सेवा कनेक्शन मीटर लगाना
- आईडीएफ मीटर बदलना
—सभी प्रक्रियाएं पूर्व की भांति सुचारु रूप से दोबारा शुरू की जाएं।
केंद्र की गाइडलाइन के तहत समयसीमा में करना जरूरी
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य केंद्र सरकार की निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा करना जरूरी है। ऐसे में कार्य में तेजी लाना आवश्यक है। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि:
- शिकायतों का निस्तारण लगातार जारी रहे
- स्थापना कार्य गुणवत्ता मानकों के साथ किया जाए
- आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए
उपभोक्ताओं को क्या होगा फायदा?
स्मार्ट मीटरिंग प्रक्रिया तेज होने से उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा—
- सटीक व पारदर्शी बिलिंग
- रियल-टाइम बिजली खपत की जानकारी
- बेहतर बिजली प्रबंधन
- विवाद रहित बिल और त्वरित समस्या निस्तारण
यूपीसीएल उम्मीद कर रहा है कि दोबारा शुरू हुई यह प्रक्रिया उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा प्रदान करेगी और बिजली प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगी।
