उत्तराखंड: यूपीसीएल के बिजलीघर होंगे साइबर सिक्योर! नियामक आयोग ने 31.85 करोड़ के अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट को सशर्त मंजूरी दी

खबर शेयर करें

देहरादून। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के बिजलीघरों को अब साइबर सुरक्षा और जीआईएस तकनीक से मजबूत किया जाएगा। बढ़ते साइबर हमलों और स्मार्ट ग्रिड सिस्टम की जरूरतों को देखते हुए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल के 31.85 करोड़ रुपये के साइबर सुरक्षा व जीआईएस अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट को सशर्त मंजूरी दे दी है। साथ ही नियम उल्लंघन पर कड़ी चेतावनी भी जारी की है।

आयोग ने 11.80 लाख रुपये के ऑपेक्स हिस्से को हटाते हुए कुल 31.85 करोड़ की परियोजना को विशेष परिस्थिति में स्वीकृति दी है। आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद, सदस्य (विधि) अनुराग शर्मा और सदस्य (तकनीकी) प्रभात किशोर डिमरी ने स्पष्ट कहा कि यह मंजूरी भविष्य के लिए किसी भी तरह की नजीर नहीं मानी जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  13 साल बाद भारतीय फुटबॉल को मिला मुख्य कोच, खालिद जमील बने पुरुष राष्ट्रीय टीम के नए कोच

19.50 करोड़ की साइबर सुरक्षा मजबूती
साइबर सुरक्षा अपग्रेडेशन के तहत वेब और ई-मेल सिक्योरिटी को मजबूत किया जाएगा, नए सर्वर स्थापित होंगे, साइबर सुरक्षा नीतियों को अपडेट व विकसित किया जाएगा। आयोग ने कहा कि यूपीसीएल की स्काडा व वितरण प्रणाली को क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर घोषित किया गया है, इसलिए साइबर सुरक्षा अनिवार्य है।

जीआईएस और डेटा सेंटर के लिए भी मंजूरी
74 लाख रुपये की लागत से बड़े डिस्प्ले स्क्रीन, डेटा सेंटर और डिजास्टर रिकवरी सेंटर के लिए सर्वर रैक की खरीद को हरी झंडी मिली है।

यह भी पढ़ें 👉  केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चोराबाड़ी ताल के पास मिला नर कंकाल, एलपीयू का आईडी कार्ड बरामद

आयोग ने रखी सख्त शर्तें
मंजूरी के साथ आयोग ने कई शर्तें भी लगाई हैं, जिनमें शामिल हैं—एल–1 विक्रेता से कीमत और कम कराने का प्रयास आईटीडीए, CERT-IN, CEA के निर्देशों का अनुपालन, नियमित VAPT, साइबर ड्रिल और स्टाफ प्रशिक्षण, सभी एसेट्स की 100% जीआईएस मैपिंग, एक माह में फंडिंग का प्रमाण प्रस्तुत करना,प्रोजेक्ट पूरा होते ही कंप्लीशन रिपोर्ट जमा करना
आयोग के इस फैसले को यूपीसीएल की साइबर सुरक्षा क्षमता बढ़ाने और भविष्य में स्मार्ट ग्रिड व्यवस्था को सक्षम बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

You cannot copy content of this page