प्रसव के बाद हंगामा: दो अल्ट्रासाउंड में जुड़वा, लेकिन अस्पताल ने थमाई सिर्फ एक बच्ची, जांच शुरू

खबर शेयर करें

बरेली। महिला अस्पताल में प्रसव के बाद एक बड़ा मामला सामने आया है। दो अलग-अलग अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में जुड़वा बच्चे होने की पुष्टि, लेकिन जन्म के समय प्रसूता को सिर्फ एक ही बच्ची मिलने पर परिजन भड़क उठे। मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।

भुता के गजनेरा निवासी सुरेश बाबू की पत्नी राजेश्वरी देवी को 8 दिसंबर की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। आशा कार्यकर्ता गुड्डी देवी उन्हें महिला अस्पताल लेकर पहुंचीं। अपराह्न 3:30 बजे प्रसूता ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन यही बात संदेह की जड़ बन गई।

🔍 दोनों रिपोर्ट में जुड़वा, अस्पताल का दावा—“तकनीकी खामी”
सुरेश के अनुसार, प्रसव से पहले पत्नी का एक निजी केंद्र पर और एक बार महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया गया था।दोनों ही रिपोर्ट में जीवित जुड़वा भ्रूण दिखे थे। लेकिन जब प्रसव के बाद स्टाफ ने सिर्फ एक बच्ची दिखाकर मामला समाप्त करने का प्रयास किया तो परिजनों ने सवाल उठाए। स्टाफ ने जवाब दिया कि—“अल्ट्रासाउंड में तकनीकी खामी हो सकती है।”

यह भी पढ़ें 👉  नन्ही परी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार, CM धामी बोले – बेटियों को न्याय दिलाना हमारी प्रतिबद्धता

🏥 सीएमएस ने देखी रिपोर्ट, जांच के आदेश
परिजन रिपोर्ट लेकर महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. त्रिभुवन प्रसाद के पास पहुंचे। शुरुआत में उन्होंने भी रिपोर्ट में गलती की बात कही, लेकिन सरकारी अल्ट्रासाउंड की मूल प्रति और निजी जांच की कॉपी देखने के बाद उन्होंने मामले को गंभीर मानते हुए जांच के निर्देश दे दिए। सीएमएस ने कहा— “अल्ट्रासाउंड में जुड़वा बच्चे बताए गए हैं, जबकि केस शीट में सिर्फ एक बच्चे का जन्म दर्ज है। परिवार ने लिखित शिकायत नहीं दी है, पर मामला जांच में है।”

परिजनों का आरोप—“दूसरा बच्चा दबाया गया?”
सुरेश का आरोप है कि उन्हें पहले भी लगा कि शायद रिपोर्ट में गलती है, लेकिन जब विशेषज्ञों से सलाह ली तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि—“जीवित हो या मृत, दोनों बच्चों का जन्म होना चाहिए था।” सुरेश का दावा है कि प्रसव कक्ष में मौजूद उनकी मां को जन्म से कुछ मिनट पहले बाहर भेज दिया गया, और पांच मिनट बाद बच्ची के जन्म की सूचना दे दी गई। दादी ने स्टाफ के कहने पर 1000 रुपए बधाई में भी दिए, लेकिन उन्हें जुड़वा की जानकारी नहीं थी। सुरेश का यह भी आरोप है कि जब उन्होंने अस्पताल से अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट मांगने की कोशिश की तो स्टाफ ने देने से इनकार कर दिया। अब वे उच्चाधिकारियों से लिखित में शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।

🚨 मामला गंभीर, इंतजार जांच परिणाम का
जुड़वा बच्चों की रिपोर्ट और एक ही बच्ची के जन्म का मामला सवालों के घेरे में है। अस्पताल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन परिजन स्पष्ट जवाब की मांग कर रहे हैं।