रुद्रपुर। पुलिस की साइबर अपराधों से जुड़े संदिग्ध म्यूल बैंक खातों की जांच में एक बड़े ठगी गिरोह का खुलासा हुआ है। पिथौरागढ़ निवासी एक पूर्व सैनिक ने खुद को डीजीआर (भूतपूर्व सैनिकों के पुनर्वास एवं पुनः रोजगार संगठन) का फील्ड ऑफिसर बताकर पूर्व सैनिकों से नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की।
सीओ सिटी प्रशांत कुमार ने बताया कि साइबर अपराधों से संबंधित संदिग्ध खातों की जांच के दौरान एसएसआई अनिल जोशी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से एक संयुक्त खाते की जानकारी जुटाई। यह खाता बलगरी, बेरीनाग निवासी जितेंद्र सिंह असवाल और उसकी पत्नी लक्ष्मी कार्की के नाम पर दर्ज पाया गया, जिसमें 31,002 रुपये होल्ड थे।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि जितेंद्र वर्ष 2013 में 19 कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती हुआ था और वर्ष 2021 में मेडिकल कैटेगरी में आने के बाद सेना से बाहर हो गया। इसके बाद 2022 में उसने डीजीआर में काम करना शुरू किया, लेकिन करीब एक साल बाद नौकरी छोड़ दी।
डीजीआर में रहते हुए उसके संपर्क में आए पूर्व सैनिकों के बायोडाटा, मोबाइल नंबर और व्यक्तिगत जानकारियों का उसने दुरुपयोग किया। खुद को फील्ड ऑफिसर बताकर उसने पूर्व सैनिकों से संपर्क किया और नौकरी लगाने के नाम पर उनसे रुपये ऐंठे। जांच में पता चला कि उसने करीब आठ से दस पूर्व सैनिकों से ढाई से तीन लाख रुपये तक की रकम वसूली। वहीं सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से 20-20 हजार रुपये भी लिए गए।
रुपयों के लेनदेन की पुष्टि के बाद रुद्रपुर कोतवाली में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है और अन्य पीड़ितों की तलाश की जा रही है।
