हल्द्वानी: जैनरिक दवाएं छोड़ डॉक्टरों का ‘ब्रांड प्रेम’!…अब एसटीएच में नहीं चलेगा मरीजों की जेब पर वार, गिरेगी गाज

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हल्द्वानी। डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय, हल्द्वानी में भर्ती मरीजों को बाहर की महंगी दवाएं थमाने का खेल अब डॉक्टरों को भारी पड़ सकता है। गरीबों के इलाज को जेब काटने का जरिया बनाने वालों पर अब अस्पताल प्रशासन ने नकेल कस दी है।

राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. अरुण जोशी ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है – अब बाहर की दवाएं लिखी, तो सीधी कार्रवाई होगी! और इसके लिए संबंधित विभागाध्यक्ष और चिकित्सक जिम्मेदार होंगे।

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बार-बार चेतावनी, फिर भी जारी ‘महंगी लूट’
सूत्र बताते हैं कि बार-बार निर्देशों के बावजूद कुछ डॉक्टर मरीजों को जानबूझकर महंगी ब्रांडेड दवाएं लिख रहे हैं, जबकि अस्पताल में वही दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध हैं। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की मजबूरी को दवा कंपनियों के पक्ष में भुनाया जा रहा है।

प्राचार्य ने जताई तीखी नाराजगी
प्राचार्य कार्यालय से जारी पत्र में कहा गया है –“यह गैर-जिम्मेदाराना और अमानवीय व्यवहार है। इससे मरीजों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ रहा है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” सभी क्लीनिकल विभागों को निर्देश दिया गया है कि OPD और IPD में इलाज के दौरान केवल अस्पताल में उपलब्ध चिन्हित जैनरिक दवाएं ही मरीजों को लिखी जाएं।

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‘बाहरी दवा’ लिखी तो होगी कड़ी कार्रवाई
आदेश में यह भी साफ किया गया है कि यदि भविष्य में इस आदेश का उल्लंघन हुआ तो विभागाध्यक्ष और संबंधित डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है। कोई माफी नहीं, कोई बहाना नहीं।

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तीन स्तरों पर कसी जाएगी निगरानी
इस पत्र की प्रतिलिपि मेडिकल ऑफिसर (फार्मेसी), नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट और एपीआरओ को भी भेजी गई है, ताकि अस्पताल स्तर पर इस बात की लगातार निगरानी हो सके और दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।

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