उत्तरकाशी : धराली आपदा के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और सेना के जवानों ने खोज और बचाव अभियान जारी रखा। कई जगह मैन्युअल खुदाई की गई। आईटीबीपी ने क्षतिग्रस्त घर से दो खच्चरों के शव निकाले, जबकि हेलिकॉप्टर से 48 लोगों और राशन को अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचाया गया।
खीरगंगा में जलस्तर बढ़ने से बह गई संपर्क पुलिया को फिर से तैयार कर लिया गया है। संचार सेवा शाम तक बहाल कर दी गई, साथ ही पीटी रेडियो के जरिए वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट तक इंटरनेट पहुंचाया गया। इस समय जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में छह, एम्स ऋषिकेश और एमएच देहरादून में दो-दो, तथा आईटीबीपी कंपोजिट अस्पताल में 11 घायलों का इलाज चल रहा है।
एनडीआरएफ ने मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) का इस्तेमाल शुरू किया है। इससे मिले संकेतों के आधार पर पता चला है कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में करीब 8-10 फीट नीचे होटल और लोग दबे हो सकते हैं। कुछ स्थानों पर खुदाई जारी है। मंगलवार को जीपीआर की मदद से दो खच्चरों और एक गाय के शव बरामद हुए थे।
आपदा क्षेत्र को चार सेक्टर में बांटकर तलाशी चल रही है—दो सेक्टर एनडीआरएफ और दो एसडीआरएफ के जिम्मे हैं। मौसम साफ होने के बाद बुधवार 11 बजे से हेलिकॉप्टर उड़ान भर सके। अब धरासू और चिन्यालीसौड़ में दो चिनूक, एक एमआई और एक एएलएच हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं। शासन द्वारा आपदा के कारणों के अध्ययन के लिए बनाई गई विशेषज्ञ टीम भी प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गई है।