नई दिल्ली। पूर्वोत्तर भारत इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मणिपुर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और असम जैसे राज्यों में हालात बेहद गंभीर हैं। मणिपुर में पिछले चार दिनों से जारी मूसलधार बारिश के चलते 19 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य के 3,365 घरों को नुकसान पहुंचा है और 31 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें से अधिकतर इंफाल पूर्वी जिले में स्थित हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र इंफाल पूर्वी जिले के हीनगांग, वांगखेई, खुरई विधानसभा क्षेत्र तथा सेनापति जिला हैं। बाढ़ के कारण कई इलाकों में बिजली, पानी और संचार सेवाएं ठप हो गई हैं।
सिक्किम में हालात सबसे खराब
सिक्किम में लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। लाचुंग क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस, स्थानीय निवासी, वन विभाग और होटल एसोसिएशन संयुक्त रूप से राहत कार्यों में जुटे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष ग्यात्सो लाचुंगपा ने स्वयं प्रशासन के साथ मिलकर निकासी अभियान का नेतृत्व किया।
अरुणाचल में वायुसेना की मदद से बचाव
अरुणाचल प्रदेश की निचली दिबांग घाटी में बाढ़ग्रस्त बोमजीर नदी से भारतीय वायु सेना (IAF) ने 14 लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला। यह अभियान असम और अरुणाचल सरकारों के अनुरोध पर चलाया गया। बचाव कार्य में वायुसेना के MI-17 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल हुआ। वहीं, अरुणाचल प्रदेश के सेप्पा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाढ़ की चपेट में आने से 7 लोगों की मौत हो गई।
गृह मंत्री ने की मुख्यमंत्रियों से बात
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात कर स्थिति की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 6 जून तक अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।