देहरादून। बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बार फिर जांच की रफ्तार तेज कर दी है। मामले के नए विवेचना अधिकारी ने मंत्री सुबोध उनियाल समेत कई नेताओं को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए हैं। हरिद्वार के एक विधायक पहले ही अपना बयान दर्ज करा चुके हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में उत्तराखंड की तत्कालीन कांग्रेस सरकार में बगावत के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग वीडियो सामने आया था। इस स्टिंग में हरीश रावत पर सरकार बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगे थे। वहीं, एक अन्य स्टिंग में कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के शामिल होने का दावा किया गया था।
इन स्टिंग ऑपरेशनों के पीछे पत्रकार उमेश कुमार का नाम सामने आया था। दो साल पूर्व सीबीआई ने हरीश रावत, हरक सिंह रावत, मदन सिंह बिष्ट और उमेश कुमार को नोटिस भेजकर उनकी आवाज के नमूने देने को कहा था। कुछ नेताओं ने नमूने दे भी दिए थे।
अब नए विवेचना अधिकारी ने पूछताछ के लिए अलग-अलग तिथियों में नेताओं को तलब करना शुरू कर दिया है। मंत्री सुबोध उनियाल को बृहस्पतिवार को पेश होना था, लेकिन व्यस्तता के चलते उन्होंने तारीख आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।
सीबीआई ने इस मामले की जांच 2016 में शुरू की थी और करीब तीन साल बाद 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पिछले छह वर्षों से यह मामला सीबीआई के पास लंबित है, और अब एक बार फिर से इसमें तेजी देखने को मिल रही है।