देहरादून। उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण प्रस्तावों के अनंतिम प्रकाशन के बाद शासन को तीन हजार से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। अब इन आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिलाधिकारी 16 और 17 जून को आपत्तियों की सुनवाई करेंगे। इसके बाद 18 जून को आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
अधिकांश आपत्तियां ग्राम पंचायतों के आरक्षण को लेकर आई हैं। कई लोगों ने आरोप लगाया है कि पिछली बार भी उनकी ग्राम पंचायत महिला के लिए आरक्षित थी और इस बार फिर उसी वर्ग को आरक्षण दे दिया गया है। कुछ ने ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों को अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित करने या फिर सामान्य किए जाने की मांग उठाई है।
आरक्षण को लेकर सबसे अधिक आपत्तियां ऊधमसिंह नगर जिले से प्राप्त हुई हैं। यहां 800 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा देहरादून में 302, अल्मोड़ा में 294, पिथौरागढ़ में 277, चंपावत में 337, पौड़ी में 354, चमोली में 213, रुद्रप्रयाग में 90, उत्तरकाशी में 383 और टिहरी में करीब 297 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं।
शासनादेश के अनुसार किया गया आरक्षण: विभाग
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी तरह शासनादेशों के तहत की गई है। प्राप्त आपत्तियों की गहन जांच के बाद ही अंतिम सूची जारी की जाएगी।
पंचायत चुनाव की घोषणा से पहले अंतिम आरक्षण सूची का प्रकाशन जरूरी माना जा रहा है। इसके बाद ही चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाएगा।