नई दिल्ली: बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने ग्लैमर की दुनिया को अलविदा कहते हुए आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान उन्होंने किन्नर अखाड़े से संन्यास की दीक्षा ली। उन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी जय अंबानंद गिरी की उपस्थिति में ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के रूप में स्थापित किया गया। दीक्षा के बाद ममता अब ‘श्री यामाई ममता नंद गिरि’ के नाम से जानी जाएंगी।
महाकुंभ के इस पवित्र अवसर पर 24 जनवरी की शाम ममता ने पिंडदान किया और शाम 6 बजे उनका पट्टा अभिषेक संपन्न हुआ। आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाने से पहले ममता लंबे समय से दुबई में रह रही थीं। भारत लौटने के बाद उन्होंने यह बड़ा फैसला लिया।
गौरतलब है कि ममता कुलकर्णी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1991 में तमिल फिल्म ‘नन्नबरगल’ से की थी। 1992 में उन्होंने हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया और उन्हें असली पहचान 1995 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘करण अर्जुन’ से मिली। सलमान खान, शाहरुख खान और काजोल स्टारर इस फिल्म में उनके अभिनय की खूब सराहना हुई।
कई हिट फिल्मों में काम करने के बाद ममता ने फिल्मों से दूरी बना ली थी। अब उनका नया अध्यात्मिक जीवन उन्हें बॉलीवुड से एकदम अलग दिशा में ले गया है।