हल्द्वानी: ढाबों की आड़ में चल रहा मयखाना…पुलिस की सरपरस्ती में फलफूल रहा माफियाओं का धंधा

खबर शेयर करें

हल्द्वानी। शहर का ट्रांसपोर्ट नगर अवैध शराब के गढ़ के रूप में बदनाम होता जा रहा है। ढाबों की आड़ में खुलेआम शराब परोसी जा रही है, मगर स्थानीय टीपीनगर चौकी पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। स्थानीय व्यापारियों और लोगों का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई के नाम पर केवल छोटे-मोटे प्यादों को पकड़कर खानापूर्ति करती है, जबकि असली खिलाड़ी खुलेआम अपना नेटवर्क चला रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, ट्रांसपोर्ट नगर में एक शराब माफिया ने अवैध शराब की कमाई से अपना कारोबार बड़े पैमाने पर खड़ा कर लिया है। ‘लाला’ नाम से मशहूर यह व्यक्ति ट्रांसपोर्ट नगर में कई दुकानें लेकर उनमें शराब का भंडार कर रहा है। वहीं दो अन्य ढाबा संचालक भी इस अवैध धंधे में शामिल बताए जा रहे हैं। इनमें से एक व्यक्ति सट्टे के धंधे से भी जुड़ा है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में बाघों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट, एसएसबी और आईटीबीपी सहित डॉग स्क्वाड की मदद ली जाएगी

अवैध शराब की बिक्री का असर आसपास के व्यापार पर भी साफ नजर आने लगा है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि नशे में धुत लोगों की रोजाना झड़पें और कहासुनी आम हो गई हैं। व्यापारियों के मुताबिक, प्रशासन और पुलिस की चुप्पी से ऐसा लगता है जैसे इन धंधेबाजों को खुली छूट मिली हुई हो।

यह भी पढ़ें 👉  गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर दिखेगी उत्तराखंड के साहसिक खेलों की झलक

सबसे चिंताजनक बात यह है कि टीपीनगर चौकी में तैनात कई पुलिस कर्मी वर्षों से यहीं जमे हुए हैं। सूत्रों का दावा है कि इनकी शराब माफियाओं से गहरी सांठगांठ है। कार्रवाई की भनक लगते ही यही पुलिसकर्मी माफियाओं को पहले से अलर्ट कर देते हैं, जिससे वे आसानी से माल ठिकाने लगाकर बच निकलते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  बजट 2025: शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन, मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार नई सीटें

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक पुलिस चौकी में जमे इन ‘रिश्तेदारों’ को नहीं हटाया जाएगा, तब तक ट्रांसपोर्ट नगर में अवैध शराब का खेल खत्म होना नामुमकिन है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस बढ़ते शराब साम्राज्य पर कब और कैसे लगाम लगाता है।

You cannot copy content of this page