नैनीताल। उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन में करोड़ों रुपये की अनियमितताओं के आरोपों को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सख्त रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की पीठ ने खेल सचिव को निर्देश दिए हैं कि हल्द्वानी के गौलापार और देहरादून के स्पोर्ट्स स्टेडियम को 24 घंटे के भीतर खिलाड़ियों के लिए खोला जाए।
स्टेडियम सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक खुले रहेंगे, ताकि खिलाड़ियों को निजी मैदानों में न जाना पड़े।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए विशेष सचिव
सुनवाई के दौरान विशेष सचिव खेल अमित सिन्हा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत के समक्ष पेश हुए। उन्होंने आश्वस्त किया कि शनिवार तक दोनों स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए खोल दिए जाएंगे। अदालत ने अगली सुनवाई जुलाई के प्रथम सप्ताह में तय की है।
हर स्टेडियम में हो कोच, हो अनुबंध की व्यवस्था
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हर खेल के लिए प्रशिक्षित कोच की व्यवस्था अनिवार्य होनी चाहिए। इसके अलावा, स्टेडियम की देखरेख में खर्च आने वाली राशि खेल आयोजक संस्था से वसूली जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यदि स्टेडियम को किसी प्रकार का नुकसान होता है तो भरपाई आयोजन संस्था द्वारा की जाए।
सुविधाओं के नाम पर केले और 35 लाख का बिल
याचिका में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने लगभग 12 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया। खिलाड़ियों को पौष्टिक आहार देने की जगह बार-बार केले ही परोसे गए, और केलों का ही 35 लाख रुपये का बिल दिखाया गया। आरोप है कि खिलाड़ियों के भोजन और सुविधाओं के नाम पर कई करोड़ रुपये का घोटाला किया गया।
हिमालयी क्षेत्रों में भी बनें खेल सुविधाएं
कोर्ट ने खेल सचिव को निर्देशित किया कि वे राज्य सरकार के समक्ष यह सुझाव रखें कि मैदानी इलाकों के साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्रों में भी खेल स्टेडियमों का निर्माण किया जाए, ताकि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रोत्साहन मिल सके। न्यायालय ने यह भी कहा कि राज्य के कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी संसाधनों की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं, जिससे खेल प्रतिभा का नुकसान होता है।
सीएयू को खेलों की सूची सौंपने के निर्देश
अदालत ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (CAU) को निर्देश दिया है कि वह आयोजित किए जाने वाले खेलों की सूची खेल सचिव को सौंपे, ताकि राज्य स्तर पर पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।