उत्तराखंड: सरकारी सेवकों के स्थायीकरण पर शासन सख्त, समयबद्ध आदेश जारी करने के निर्देश

खबर शेयर करें

देहरादून। राज्य सरकार ने सरकारी सेवकों के स्थायीकरण से जुड़े मामलों में लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं। शासन ने कहा है कि स्थायीकरण नियमावली, 2002 का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित करते हुए पात्र कार्मिकों के स्थायीकरण आदेश बिना किसी विलंब के जारी किए जाएं।

सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, कार्यालय प्रमुखों, मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि उनके नियंत्रणाधीन विभागों में कार्यरत ऐसे कार्मिक, जिन्होंने परिवीक्षा अवधि पूरी कर ली है और जिनकी परिवीक्षा नहीं बढ़ाई गई है, साथ ही जो सभी आवश्यक अर्हताओं को पूरा करते हैं, उनके स्थायीकरण आदेश समयबद्ध रूप से निर्गत किए जाएं।

यह भी पढ़ें 👉  बच्चे की मौत पर कार्रवाई : सीएम के निर्देश पर बागेश्वर जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस पद से हटे

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन कार्मिकों को पहले ही विभागीय पदोन्नति मिल चुकी है, लेकिन स्थायीकरण आदेश जारी नहीं हुए हैं, उनके प्रकरणों की तत्काल समीक्षा कर नियमानुसार आदेश निर्गत किए जाएं।

यह भी पढ़ें 👉  अंगीठी के धुएं से दम घुटने पर दंपति की मौत, शादी समारोह में शामिल होने आये थे

सचिव कार्मिक ने कहा कि शासन के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि कई विभागों द्वारा सेवाकाल की परिवीक्षा अवधि पूरी करने एवं पदोन्नति मिलने के बावजूद स्थायीकरण आदेश जारी नहीं किए गए हैं। इससे कर्मचारियों के सेवा-संयोजन, वेतन संरक्षण, पेंशन-हितलाभ आदि में दिक्कतें आ रही हैं और कई मामलों में विधिक विवाद भी उत्पन्न हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: नैनीताल सहित 9 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट, लोगों को घरों में रहने की सलाह

उन्होंने चेतावनी दी कि यह स्थिति विधिसम्मत एवं अनुशासित लोक प्रशासन की भावना के विपरीत है। इसलिए सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि स्थायीकरण नियमावली, 2002 का पालन करते हुए समय से स्थायीकरण आदेश जारी किए जाएं।

You cannot copy content of this page