नैनीताल: कैंचीधाम बाईपास निर्माण पर वन विभाग की आपत्ति, फाइल लौटाई

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क्षतिपूरक वनीकरण के लिए दी गई भूमि को बताया अनुपयुक्त, प्रशासन फिर भेजेगा प्रस्ताव

नैनीताल। काठगोदाम से कैंचीधाम के बीच प्रस्तावित बाईपास मार्ग को लेकर वन विभाग ने आपत्ति जता दी है। विभाग ने क्षतिपूरक वनीकरण के लिए प्रशासन द्वारा दी गई भूमि को अनुपयुक्त बताते हुए फाइल वापस कर दी है। अब प्रशासन हाईकोर्ट के लिए चिह्नित भूमि में से नई भूमि निर्धारित कर दोबारा प्रस्ताव भेजेगा।

दरअसल, भीमताल और नैनीताल मार्ग पर जाम की गंभीर समस्या को देखते हुए 2019 में कैंचीधाम बाईपास की योजना बनाई गई थी। योजना के तहत काठगोदाम से गुलाबघाटी होते हुए अमृतपुर तक 3.5 किलोमीटर लंबे बाईपास मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। इस मार्ग में गौला नदी पर एक पुल भी बनना है। बाईपास का अधिकांश हिस्सा वनभूमि पर प्रस्तावित है।

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प्रोजेक्ट के तहत क्षतिपूरक वनीकरण की शर्तों को पूरा करने के लिए प्रशासन ने नैनीताल वन प्रभाग में 6.54 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को सौंपी थी। लेकिन प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं नोडल अधिकारी वनभूमि हस्तांतरण, देहरादून रंजन मिश्रा ने हाल ही में इस भूमि के लगभग आधे हिस्से को अनुपयुक्त करार देते हुए नई भूमि की मांग की है। विभाग का कहना है कि प्रस्तावित भूमि पर पहले ही पौधरोपण हो चुका है।

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अब प्रशासन द्वारा चिह्नित भूमि का वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम निरीक्षण करेगी। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर नई भूमि का प्रस्ताव तैयार कर वन विभाग को भेजा जाएगा। फिलहाल हाईकोर्ट के लिए प्रस्तावित भूमि में से बाईपास के लिए जमीन चिह्नित की जा रही है।

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डीएम का बयान
“वन विभाग की आपत्ति के बाद नई भूमि चिह्नित की जा रही है। हाईकोर्ट के लिए प्रस्तावित भूमि में से ही विकल्प तलाशा गया है। प्रस्ताव जल्द ही विभाग को भेजा जाएगा।”
वंदना सिंह, जिलाधिकारी, नैनीताल