हल्द्वानी। मानवीय मूल्यों, सामाजिक चेतना और वैज्ञानिक सोच को मजबूती देने की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल करते हुए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं मीडिया स्कूल के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) राकेश चंद्र रयाल ने देहदान का संकल्प लिया है। उन्होंने विधिवत शपथ पत्र भरते हुए राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी एवं दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून को अपनी देह दान करने का निर्णय लिया है।
प्रो. डॉ. रयाल का यह कदम चिकित्सा शिक्षा, शोध एवं भावी चिकित्सकों के प्रशिक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि देहदान मानव सेवा का सर्वोच्च रूप है, जिससे चिकित्सा विज्ञान को मजबूती मिलती है और समाज में मृत्यु के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। उन्होंने कहा कि यदि उनके इस निर्णय से समाज में जागरूकता बढ़ती है, तो यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
उल्लेखनीय है कि प्रो. डॉ. रयाल न केवल एक शिक्षाविद् हैं, बल्कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही है। उनके कई गढ़वाली लोक गीत रिलीज हो चुके हैं, जो लोकसंस्कृति को नई पीढ़ी से जोड़ने का सशक्त माध्यम बने हैं।
मीडिया शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी उनके योगदान को व्यापक पहचान मिली है। दूरदर्शन, आकाशवाणी और अन्य प्रमुख मीडिया मंचों पर मीडिया शिक्षा, संचार, रोजगार और सामाजिक विकास से जुड़े उनके अनेक कार्यक्रम प्रसारित हो चुके हैं, जिनसे युवाओं को दिशा और प्रेरणा मिली है।
प्रो. डॉ. रयाल ने देहदान के क्षेत्र में हल्द्वानी में सक्रिय ‘अनमोल संकल्प सिद्धि फाउंडेशन’ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि संस्था सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रो. संतोष मिश्रा से भी उन्हें इस दिशा में प्रेरणा मिली है और आगे सभी मिलकर समाजहित में इस क्षेत्र में कार्य करेंगे।
शिक्षा, संस्कृति और मानव सेवा के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय प्रो. डॉ. राकेश चंद्र रयाल का देहदान का यह संकल्प समाज के लिए न केवल एक अनुकरणीय उदाहरण है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और वैज्ञानिक सोच के समन्वय का सशक्त संदेश भी देता है।
