अल्मोड़ा: डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए बुजुर्ग भाई-बहन, साइबर ठगों ने 65 लाख से अधिक की ठगी की

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अल्मोड़ा। कोतवाली क्षेत्र में साइबर ठगों ने हैरतअंगेज वारदात को अंजाम देते हुए एक बुजुर्ग भाई-बहन को डिजिटल अरेस्ट कर 16 दिनों में 65 लाख रुपये से अधिक की रकम हड़प ली। खुद को पुलिस अधिकारी बताकर आरोपियों ने पीड़ितों को बच्चों के अपहरण गैंग से जुड़ा हुआ बताकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और बार-बार रकम ट्रांसफर कराई।

पोखरखाली निवासी 80 वर्षीय सेवानिवृत्त सैनिक पूरन चंद्र जोशी ने कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि 23 मार्च को उन्हें दो अनजान नंबरों से व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वालों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि उनकी आईडी एक बाल अपहरण गिरोह से जुड़ी हुई है। इसके बाद उन्हें और उनकी बहन भगवती पांडे (स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त) को डराया-धमकाया गया।

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पहली किस्त के रूप में 24 मार्च को 3.40 लाख रुपये की मांग की गई, जो पीड़ितों ने आरोपियों के बताए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठगों ने बहन के बच्चों को जेल भेजने की धमकी देते हुए लगातार रकम ऐंठनी शुरू कर दी। 7 अप्रैल तक आरोपियों ने कुल सात किश्तों में 62,26,047 रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

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इस दौरान पीड़ितों को मानसिक रूप से कैद कर रखा गया, जिसे साइबर अपराध की भाषा में ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जाता है। लगातार धमकियों और डर के चलते दोनों भाई-बहन 16 दिनों तक इस गिरोह के चंगुल में फंसे रहे।

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घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल पर बैंक से जुड़ी जानकारी साझा न करें और संदेह होने पर तत्काल साइबर हेल्पलाइन या पुलिस से संपर्क करें।

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