पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के ओपीडी, आईपीडी ब्लॉक और नर्सेस हॉस्टल के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। वन विभाग की ओर से मेडिकल कॉलेज की 0.99 हेक्टेयर भूमि के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस दे दी गई है। इस फैसले के बाद मेडिकल कॉलेज के अधूरे पड़े अहम हिस्सों का निर्माण कार्य तेज होने की उम्मीद है।
मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पेयजल निगम की ओर से किया जा रहा है। हालांकि, चिन्हित भूमि के 0.99 हेक्टेयर हिस्से पर वन विभाग की मंजूरी न मिलने के कारण निर्माण कार्य बाधित था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद सीमांत जिले के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की प्रक्रिया तेज कर दी गई।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने वन भूमि क्लीयरेंस की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए थे। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि वन विभाग ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है और शेष प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जाएगी।
इस क्लीयरेंस के साथ ही ओपीडी, आईपीडी ब्लॉक और नर्सेस हॉस्टल के निर्माण में आ रही अड़चनें दूर हो गई हैं। कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए गए हैं कि मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन हिस्सों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके साथ ही निर्माण में गुणवत्ता और समय-सीमा का विशेष ध्यान रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मेडिकल कॉलेज के निर्माण के बाद पिथौरागढ़ और सीमांत क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र के हजारों लोगों को उन्नत चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा।