हल्द्वानी: टीबी के जटिल रूप पर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों का मंथन, विशेषज्ञों ने साझा की अहम जानकारियां

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हल्द्वानी। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के टीबी एवं श्वास रोग विभाग की ओर से बुधवार को एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस (ईपीटीबी) के निदान और प्रबंधन विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। कॉलेज परिसर स्थित लेक्चर थियेटर में हुई कार्यशाला का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने किया।

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सहायक प्रोफेसर डॉ. रवि कुमार शर्मा ने बताया कि टीबी सामान्यतः फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन जब यह संक्रमण लिम्फ नोड्स, प्लूरा, हड्डी-जोड़, पेट, जननांग, मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी जैसे अंगों में फैलता है तो इसे ईपीटीबी कहा जाता है। इसके लक्षण सामान्य टीबी की तरह स्पष्ट नहीं होते, जिसके कारण निदान चुनौतीपूर्ण हो जाता है। समय पर पहचान और सही इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।

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विभागाध्यक्ष डॉ. आर.जी. नौटियाल ने ईपीटीबी पर विस्तृत जानकारी दी। वहीं, डॉ. हेमा (कम्युनिटी मेडिसिन), डॉ. सांभवी (माइक्रोबायोलॉजी), डॉ. भाग्यश्री (पैथोलॉजी) और डॉ. सौरभ (रेडियोलॉजी) ने विभिन्न स्वरूपों और आधुनिक निदान तकनीकों पर प्रकाश डाला।

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कार्यक्रम में डॉ. उमेश, डॉ. रितु रखोलिया, डॉ. पंकज वर्मा, डॉ. ऊषा जोशी, डॉ. गणेश, डॉ. हरिशंकर पांडे, डॉ. महिमा रानी, डॉ. परमजीत सिंह समेत रेजिडेंट चिकित्सक, पीजी और एमबीबीएस छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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