दिल्ली में पुरानी बसों पर लगा ब्रेक…उत्तराखंड परिवहन निगम की 192 डीजल बसों की एंट्री पर रोक

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देहरादून। राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते उत्तराखंड परिवहन निगम (UTC) की 192 पुरानी डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर बुधवार से पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये सभी बसें बीएस-3 और बीएस-4 श्रेणी की थीं। प्रतिबंध लागू होते ही दिल्ली जाने वाले यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा और कई बसों को यूपी बॉर्डर स्थित मोहननगर तक ही भेजना पड़ा।

दिल्ली सरकार बीते चार वर्षों से प्रदूषण नियंत्रण को लेकर लगातार चेतावनी दे रही थी। वर्ष 2021 से उत्तराखंड परिवहन निगम समेत अन्य राज्यों के परिवहन निगमों को पत्र भेजकर स्पष्ट किया गया था कि 1 अक्टूबर से बीएस-3 और बीएस-4 डीजल बसों की दिल्ली में एंट्री बंद कर दी जाएगी। इसके बावजूद निगम की ओर से समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए।

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वर्तमान स्थिति में उत्तराखंड परिवहन निगम के पास केवल 130 बीएस-6 डीजल बसें और लगभग 300 अनुबंधित सीएनजी बसें ही हैं, जिन्हें दिल्ली के कश्मीरी गेट आईएसबीटी तक जाने की अनुमति है। लेकिन यही बसें प्रदेश के पर्वतीय और अन्य लंबी दूरी के मार्गों पर भी संचालित हो रही हैं, जिससे दिल्ली रूट पर बसों की संख्या और सीमित हो गई है।

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जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड से दिल्ली मार्ग पर रोजाना लगभग 540 बसों का संचालन होता है, लेकिन अब इनमें से केवल 348 बसें ही दिल्ली तक जा पा रही हैं। इसका सीधा असर रोजाना सफर करने वाले 40 से 50 हजार यात्रियों पर पड़ा है।

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर उच्चतम सीमा पर पहुंचने के बाद प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी। बुधवार से कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर पुरानी बसों को न सिर्फ रोका गया, बल्कि कई बसों के चालान भी किए गए। स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक (संचालन) क्रांति सिंह ने सभी डिपो प्रबंधकों को निर्देश जारी किए हैं कि दिल्ली मार्ग पर अब केवल बीएस-6 और अनुबंधित सीएनजी बसों का ही संचालन किया जाए।

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त्योहारी सीजन में पहले सशर्त राहत मिलने के बावजूद अब सख्ती से नियम लागू होने के बाद यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आने वाले दिनों में यदि वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, तो दिल्ली-उत्तराखंड मार्ग पर यात्री दबाव और बढ़ सकता है।