बैंक घोटाला: ICICI बैंक कर्मचारी ने निवेश का झांसा देकर 31 लाख से ज्यादा हड़पे, केस दर्ज

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देहरादून। आईसीआईसीआई बैंक की जाखन शाखा में अमानत में खयानत का एक बड़ा मामला सामने आया है। बैंक में तैनात एक कर्मचारी ने म्यूचुअल फंड और अधिक मुनाफा देने वाली स्कीमों का लालच देकर ग्राहकों से करीब 31 लाख 17 हजार रुपये की ठगी कर ली। बैंक प्रबंधन की आंतरिक जांच में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद राजपुर थाना पुलिस ने मंगलवार को आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

बैंक के रीजनल मैनेजर रितेश श्रीवास्तव की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया कि आरोपी कर्मचारी राजेश रंजन, निवासी डांडा नूरीवाला, शाखा में आने वाले ग्राहकों को निवेश के नाम पर भरोसे में लेता था। वह उन्हें आश्वस्त करता था कि उसकी बताई गई स्कीम में पैसा लगाने पर बेहतर रिटर्न मिलेगा। ग्राहक बैंक कर्मचारी होने के कारण उस पर भरोसा कर लेते थे, लेकिन आरोपी वह धन निवेश करने के बजाय धोखाधड़ी से अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर लेता था।

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घोटाले का खुलासा तब हुआ जब 15 जुलाई 2025 को गीता पासवान नामक ग्राहक ने बैंक पहुंचकर शिकायत की कि उनके खाते से धोखे से चार लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। इसके कुछ दिन बाद ही अजीत ताक नामक एक अन्य ग्राहक ने भी तीन लाख रुपये निकाले जाने की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद बैंक प्रबंधन ने आंतरिक जांच कराई, जिसमें सामने आया कि आरोपी ने कुल आठ ग्राहकों से ठगी की है।

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जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने बेहद शातिर तरीके से रकम हड़पी। उसने गीता पासवान के पैसे आरटीजीएस के माध्यम से अपने दोस्त प्रांशु के खाते में भेजे और फिर वहां से अपने एसबीआई खाते में मंगवा लिए। कई मामलों में ग्राहकों के चेक से नकद निकालकर अपने खाते में जमा किया गया। इतना ही नहीं, एक ग्राहक गुरु प्रसाद के प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट कार्ड से फोन-पे रेंटल के नाम पर करीब सवा तीन लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।

इंस्पेक्टर राजपुर प्रदीप सिंह रावत ने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।

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बताया गया कि इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज कराने के लिए बैंक प्रबंधन को भी लंबा इंतजार करना पड़ा। क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार, उनके पूर्वाधिकारी वैभव गोयल ने 7 अगस्त 2025 को ही पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर पूरे मामले की जानकारी दी थी, लेकिन उस समय एफआईआर दर्ज नहीं की गई। कई महीनों बाद दोबारा तहरीर देने पर 30 दिसंबर 2025 को पुलिस ने केस दर्ज किया। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।