नई दिल्ली: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को लगातार सात महीने अंतरिक्ष में रहने के बाद अब धरती पर चलना फिर से सीखना पड़ेगा। लंबे समय तक शून्य गुरुत्वाकर्षण में रहने के कारण उनके शरीर पर प्रभाव पड़ा है।
सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर जून 2024 से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं। उनकी वापसी के लिए भेजा गया स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट तकनीकी खराबी के चलते उड़ान नहीं भर सका। इसके कारण दोनों अंतरिक्ष यात्री अभी तक धरती पर नहीं लौट सके हैं।
हाल ही में सुनीता विलियम्स ने एक वर्चुअल संवाद में छात्रों से बात करते हुए कहा, “अब मुझे याद करना पड़ रहा है कि चलना कैसे है। मैं इतने लंबे समय से चली नहीं हूं, बैठी नहीं हूं, और न ही लेटी हूं। यहां ऐसा करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। बस आंखें मूंदिए और तैरते रहिए।”
इस मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स से इन अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित धरती पर वापस लाने का अनुरोध किया है।
नासा का कहना है कि दोनों अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनका मनोबल ऊंचा है। हालांकि, शून्य गुरुत्वाकर्षण में लंबे समय तक रहने के कारण उनके शरीर में कुछ बदलाव जरूर हुए हैं।
गौरतलब है कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अगस्त 2024 तक वापस लाने की योजना थी, लेकिन स्टारलाइनर की तकनीकी खराबी के चलते यह संभव नहीं हो पाया। नासा ने स्पष्ट किया है कि अंतरिक्ष यात्री फंसे हुए नहीं हैं और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं मिल रही हैं।