उत्तराखंड: अब पहाड़ों में भी साकार होगा पक्के घर का सपना, सरकार देगी सहायता

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देहरादून। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भी अब प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा। आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई आवास नीति में पर्वतीय क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिससे यहां भी आवास निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

प्रदेश में 2017 में लागू की गई आवास नीति के तहत अब तक केवल मैदानी जिलों में ही पीएम आवास योजना के तहत निर्माण कार्य हो रहे थे। पर्वतीय क्षेत्रों में इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए थे। लेकिन अब सरकार ने नई नीति में विशेष बदलाव किए हैं।

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मंत्री अग्रवाल ने बताया कि मैदानी इलाकों में लाभार्थी अनुदान को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में पारंपरिक बाखली शैली में बनने वाले आवासों के लिए अनुदान राशि बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इस योजना के तहत न्यूनतम दो मीटर चौड़े पहुंच मार्गों पर भी भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी, जिससे दुर्गम क्षेत्रों में भी लोगों को आवासीय सुविधा मिल सकेगी।

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आवास विभाग ने दुर्बल आय वर्ग के लोगों को राहत देते हुए उनकी आय सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। साथ ही, सामान्य निर्माण के लिए अनुदान राशि को भी बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा, केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों को 2.25 लाख रुपये का अतिरिक्त अनुदान देगी।

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मंत्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में पारंपरिक भवन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में वित्तीय सहायता के साथ-साथ अन्य आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।