नैनीताल। प्रतिष्ठित शेरवुड कॉलेज के छात्र शान प्रजापति की संदिग्ध मौत के करीब एक दशक बाद न्यायालय ने अहम फैसला सुनाते हुए विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य, हाउस मास्टर और सिस्टर पायल को दोषमुक्त करार दिया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रम की अदालत ने मंगलवार को यह निर्णय सुनाया।
गौरतलब है कि 15 नवंबर 2014 को छात्र शान प्रजापति की मौत के बाद नैनीताल से लेकर नेपाल तक व्यापक प्रदर्शन हुए थे। मृतक छात्र की मां नीना श्रेष्ठ ने तल्लीताल थाने में प्रधानाचार्य, हाउस मास्टर रवि कुमार और सिस्टर पायल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए (लापरवाही से मृत्यु) के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
नीना श्रेष्ठ के अनुसार, 13 नवंबर 2014 को विद्यालय की ओर से शान की तबीयत खराब होने की सूचना दी गई। लेकिन बार-बार संपर्क करने के बावजूद उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। देर रात छात्र को दिल्ली ले जाने की बात कही गई और अगले दिन सुबह उनके बेटे की मौत की खबर दी गई।
सीजेएम न्यायालय ने 29 जून 2022 को तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए दो-दो वर्ष के कठोर कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस फैसले को चुनौती देते हुए आरोपियों ने एडीजे न्यायालय में अपील की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सबूतों के अभाव में तीनों को दोषमुक्त कर दिया।
इस फैसले के बाद मृतक छात्र के परिजन न्याय की आशा में निराश नजर आए, वहीं विद्यालय प्रबंधन ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है।