वॉशिंगटन। भारत समेत कई देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की वकालत करने वाले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब चीन को लेकर नरम रुख अपनाते नजर आ रहे हैं। ट्रंप ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए 6 लाख चीनी छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई के लिए वीजा देने की घोषणा की।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा, “अमेरिका और चीन के बीच बहुत महत्वपूर्ण संबंध हैं। हम उनके छात्रों को आने की अनुमति देंगे। यह बेहद अहम है—600,000 छात्र। हम चीन के साथ मिलकर काम करेंगे।”
ट्रंप का यह कदम उनके पूर्ववर्ती रुख से बिल्कुल अलग है। पहले उनकी सरकार ने चीनी नागरिकों, खासकर कम्युनिस्ट पार्टी और संवेदनशील शोध क्षेत्रों से जुड़े लोगों के वीजा पर रोक लगाने की नीति अपनाई थी। अब इस नई घोषणा ने उनके समर्थकों के बीच ही आलोचना को जन्म दे दिया है।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और चीन के बीच उच्च स्तरीय व्यापार वार्ताएं जारी हैं। दोनों देश टैरिफ, अमेरिकी उद्योगों को जरूरी रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति और चीन की एआई चिप्स तक पहुंच जैसे अहम मुद्दों पर समझौता करने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि नरमी दिखाने के बावजूद ट्रंप ने चीन को चेतावनी भी दी। उन्होंने साफ कहा कि अगर बीजिंग वॉशिंगटन को रेयर अर्थ मैग्नेट तक पहुंच नहीं देता, तो उसे 200 फीसदी टैरिफ झेलना होगा।

