उत्तराखंड में होली पर्व की तिथि का निर्धारण, 13 मार्च को होगा होलिका दहन, 15 मार्च को मनाया जाएगा होली पर्व

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हल्द्वानी। आगामी होली पर्व की तिथियों में विभिन्न पंचांगों में अंतर को देखते हुए उत्तराखंड पर्व निर्णय सभा, पंचतत्व विद्वत परिषद और काशी विद्वत परिषद के ज्योतिर्विदों की एक संयुक्त बैठक का आयोजन गूगल मीट पर किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता डॉ. जगदीश चंद्र भट्ट, अध्यक्ष पर्व निर्णय सभा ने की, जबकि संचालन डॉ. नवीन चंद्र जोशी, सचिव पर्व निर्णय सभा द्वारा किया गया।

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बैठक में काशी विद्वत परिषद से डॉ. अमित मिश्रा, पंचतत्व विद्वत परिषद से भूपेंद्र पाठक, पंचांगकार डॉ. पवन पाठक, पर्व निर्णय सभा से उमेश चंद्र त्रिपाठी, डॉ. राम भूषण बिजलवाण, डॉ. मंजू जोशी, हरीश चंद्र जोशी, बसंत बल्लभ त्रिपाठी और पंचांगकार दीपक जोशी सहित अन्य ज्योतिर्विद उपस्थित थे।

बैठक में उत्तराखंड पर्व निर्णय सभा के संरक्षक आचार्य डॉ. भुवन चंद्र त्रिपाठी द्वारा होली पर्व पर शास्त्र सम्मत व्यवस्था संबंधी पत्र प्रस्तुत किया गया। आचार्य डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि फाल्गुन माह की भद्रारहित पूर्णिमा को होलिका दहन और प्रतिपदा को होली (छरड़ी, धुलेंडी) मनाने का शास्त्रों में विधान है।

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इसके अनुसार, दिनांक 13 मार्च 2025 को रात्रि 11:30 बजे के बाद होलिका दहन होगा और दिनांक 15 मार्च 2025 को होली (छरड़ी, धुलेंडी) पर्व मनाया जाएगा। बैठक में उपस्थित सभी विद्वानों ने इस शास्त्र सम्मत व्यवस्था पर सर्वसम्मति से अपनी स्वीकृति प्रदान की।

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अंत में, डॉ. जगदीश चंद्र भट्ट ने उत्तराखंड में 13 मार्च 2025 को रात्रि 11:30 बजे के बाद होलिका दहन और 15 मार्च 2025 को होली (छरड़ी, धुलेंडी) पर्व मनाए जाने की घोषणा की।