रुद्रपुर। उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर थाना कुमाऊं इकाई ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बनकर 1.02 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले पिता-पुत्र को रांची (झारखंड) से गिरफ्तार किया। अदालत में पेश करने के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
एसटीएफ के एसएसपी नवनीत सिंह ने बताया कि नैनीताल निवासी एक व्यक्ति ने मार्च 2025 में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित ने आरोप लगाया कि कुछ लोग खुद को टेलीकॉम विभाग, ईडी और सीबीआई का अधिकारी बताकर उसका मोबाइल नंबर बंद करने और डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दे रहे थे। इसी बहाने मात्र 10 दिनों में अलग-अलग खातों में 1.02 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए गए।
जांच में जुटी साइबर थाना पुलिस ने बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और व्हाट्सएप डेटा की गहन जांच के बाद आरोपियों की पहचान की। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर टीम ने अजय कुमार सिन्हा (58) और उसके बेटे सौरभ शेखर (28), निवासी शिवपुरी टिकिया टोली गांव थाना सुल्तानगंज, पटना (बिहार) को रांची से दबोचा।
पुलिस के अनुसार आरोपी पिता-पुत्र ने महिला एवं ग्रामीण विकास कल्याण समिति नाम से एक एनजीओ भी पंजीकृत कराया था, जिसके खाते में पीड़ित से ठगी के 14.51 लाख रुपये जमा कराए गए थे। शुरुआती पूछताछ में करोड़ों रुपये के लेन-देन का खुलासा हुआ है। दोनों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में सात साइबर अपराध दर्ज हैं।
आरोपियों का तरीका बेहद शातिर था। वे खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ित को आधार कार्ड फर्जी खाते में इस्तेमाल होने और मानव तस्करी जैसी गंभीर धाराओं में फंसाने की धमकी देते थे। इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के जरिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर पीड़ित को हर घंटे अपनी गतिविधियों की जानकारी देने को मजबूर करते थे।
पकड़ने वाली टीम में निरीक्षक अरुण कुमार, उपनिरीक्षक सतेन्द्र गंगोला, हेड कांस्टेबल सोनू पांडे, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सामंत और कांस्टेबल रवि बोरा शामिल रहे।

