देहरादून। स्वास्थ्य विभाग को इस वर्ष 80 नए विशेषज्ञ डॉक्टर मिलने जा रहे हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार ने 400 एमबीबीएस डॉक्टरों को पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) कोर्स करने की अनुमति दी थी। अब इन डॉक्टरों के पीजी कोर्स पूरा करने के बाद उन्हें पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों के स्वीकृत पदों के सापेक्ष 50 प्रतिशत की कमी बनी हुई है, जबकि एमबीबीएस डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और हरिद्वार में हर साल 650 एमबीबीएस सीटें हैं।
2027 तक खाली पद होंगे भरने
प्रदेश सरकार ने 2027 तक सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली पदों को भरने की कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना के तहत, जैसे-जैसे डॉक्टरों का पीजी कोर्स पूरा होगा, उन्हें पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं होंगी मजबूत
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण पर्वतीय इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही थीं। अब सरकार की इस योजना से वहां की चिकित्सा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।