देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर शनिवार को देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) परिसर में आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की विकास यात्रा को साकार करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों से संवाद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 25 वर्षों में उत्तराखंड ने जनसहभागिता, नवाचार और सामुदायिक नेतृत्व के बल पर नई पहचान बनाई है। संवाद सत्र में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ, युवा नवाचारक, पर्यटन और एडवेंचर स्पोर्ट्स से जुड़े उद्यमी तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थी शामिल रहे। प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि राज्य सरकार की योजनाओं, बेहतर संपर्क व्यवस्था, बुनियादी ढाँचे और नवाचार को बढ़ावा देने वाली पहल ने उनके जीवन और आजीविका में बड़ा बदलाव लाया है।
प्रधानमंत्री ने इन प्रतिभागियों को उत्तराखंड की नई पहचान — “आत्मनिर्भर, सशक्त और सतत राज्य” — का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इन ग्रामीण महिलाओं, युवाओं और उद्यमियों की सफलता की कहानियाँ विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने में प्रेरक सिद्ध होंगी।
मोदी ने कहा कि राज्य की प्रगति लोगों की भागीदारी और सामूहिक प्रयासों से संभव हुई है। यह संवाद “विकसित उत्तराखंड” की दिशा में जनसहभागिता आधारित विकास मॉडल की झलक प्रस्तुत करता है। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तराखंड आने वाले वर्षों में विकास और आत्मनिर्भरता के नए आयाम स्थापित करेगा।
