देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर आगामी चुनावों की अधिसूचना सार्वजनिक कर दी। आयोग ने बताया कि 19 जून को पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, जिसके बाद सचिव पंचायती राज द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई। अब 23 जून को सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में चुनाव की अधिसूचना जारी करेंगे।
नामांकन की प्रक्रिया 25 जून से 28 जून तक चलेगी, जो प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित होगी। नामांकन पत्रों की जांच 29 जून से 1 जुलाई तक, और नाम वापसी की अंतिम तिथि 2 जुलाई तय की गई है।
चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण का प्रतीक आवंटन 3 जुलाई को होगा, जबकि मतदान 10 जुलाई को संपन्न कराया जाएगा। दूसरे चरण का प्रतीक आवंटन 8 जुलाई को होगा और मतदान 15 जुलाई को होगा। चुनाव की मतगणना 19 जुलाई को विकासखंड स्तर पर की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की निष्पक्षता एवं पारदर्शिता को लेकर सभी जिलों में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं, आचार संहिता भी तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
12 जिलों में चुनाव, हरिद्वार बाहर
इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में कराए जा रहे हैं। ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए वोट डाले जाएंगे। बागेश्वर जिले के तीनों ब्लॉकों में एक ही चरण में चुनाव होगा, जबकि देहरादून जिले के तीन-तीन ब्लॉक पहले और दूसरे चरण में शामिल किए गए हैं। मानसून को ध्यान में रखते हुए पहले चरण में दुर्गम क्षेत्रों को शामिल किया गया है। आपदा प्रबंधन सचिव को मौसम के दृष्टिगत जरूरी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
95 हजार कर्मी, 35 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात
इस चुनावी प्रक्रिया में कुल 95 हजार अधिकारी-कर्मचारी लगाए जाएंगे, जिनमें 35,700 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। इसके अलावा 5,600 वाहन भी चुनाव कार्य में लगाए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस बार 4.56 लाख नए मतदाता पंचायत चुनाव में हिस्सा लेंगे, जो कि पिछले चुनाव की तुलना में 10.5% की बढ़ोतरी है।
प्रदेशभर में 10 हजार से अधिक मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं, जिनमें एक केंद्र पर औसतन 750 मतदाता होंगे। चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को 10 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज देने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। खास बात यह कि इस बार व्यय प्रेक्षक नहीं नियुक्त किए जाएंगे, लेकिन जिला स्तर पर खर्च की निगरानी की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों को सौंपी गई है। चुनाव पर्यवेक्षण के लिए 55 सामान्य पर्यवेक्षक और 12 आरक्षित पर्यवेक्षक तैनात किए जा रहे हैं।
दिव्यांग मतदाताओं को विशेष सुविधा
दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा की व्यवस्था की गई है। उनके लिए टोल फ्री नंबर 18001804280 भी जारी किया गया है ताकि उन्हें मतदान में किसी तरह की असुविधा न हो।
चुनाव की मतगणना ब्लॉक स्तर पर की जाएगी और ग्राम प्रधान, सदस्य एवं बीडीसी सदस्यों की मतगणना वहीं संपन्न कराई जाएगी। प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर अब गांव से लेकर जिला स्तर तक राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और संभावित प्रत्याशियों ने जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिए हैं।