अमेरिकी वीज़ा और ग्रीन कार्ड आवेदकों के लिए सोशल मीडिया गतिविधियों पर नई नीति

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नई दिल्ली। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने एक नई नीति लागू की है, जिसके तहत वीज़ा और स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) के आवेदकों की सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की जाएगी। यदि कोई आवेदक सोशल मीडिया पर फिलिस्तीन, हमास, हिज़्बुल्लाह या यहूदी समुदाय के खिलाफ सामग्री साझा करता है, तो इससे उनके आवेदन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

नीति का उद्देश्य और प्रभाव

USCIS के अनुसार, आतंकवादी संगठनों जैसे हमास, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद, हिज़्बुल्लाह और हूती विद्रोहियों के समर्थन वाली सोशल मीडिया पोस्ट को “यहूदी विरोधी” और “कट्टरपंथी सोच” के संकेत के रूप में देखा जाएगा। ऐसी पोस्ट आवेदक की पृष्ठभूमि जांच में नकारात्मक भूमिका निभाएंगी और वीज़ा अस्वीकृति का कारण बन सकती हैं।

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सरकारी अधिकारियों के बयान

अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) की असिस्टेंट सेक्रेटरी फॉर पब्लिक अफेयर्स ट्रिसिया मैकलॉफलिन ने कहा, “दुनिया भर के आतंकी समर्थकों के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है। कोई व्यक्ति अगर यह सोचता है कि वह अमेरिका आकर यहूदी विरोधी हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करेगा, तो उसे दोबारा सोचने की जरूरत है।”

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस नीति की पुष्टि करते हुए बताया कि अब तक 300 से अधिक लोगों के वीज़ा रद्द किए जा चुके हैं और यह प्रक्रिया लगातार जारी है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “जब भी मुझे इनमें से कोई पागल मिलता है, मैं उसका वीज़ा छीन लेता हूं।”

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विशेष मामला: महमूद खलील

सबसे चर्चित मामला महमूद खलील का है, जो फिलिस्तीन समर्थक कार्यकर्ता हैं और जिन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। खलील ने 2022 में छात्र वीज़ा पर अमेरिका में प्रवेश किया था, लेकिन 2024 में स्थायी निवास के लिए किया गया उनका आवेदन नकारात्मक सोशल मीडिया गतिविधियों के चलते रद्द कर दिया गया।

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आवेदकों के लिए सुझाव

  • सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की चरमपंथी विचारधारा से जुड़ी पोस्ट करने से बचें।
  • फिलिस्तीन, हमास, हिज़्बुल्लाह या यहूदी समुदाय के खिलाफ कोई सामग्री साझा न करें।
  • वीज़ा या ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन से पहले अपनी डिजिटल उपस्थिति की समीक्षा अवश्य करें।

यह महत्वपूर्ण है कि आवेदक अपनी ऑनलाइन गतिविधियों के प्रति सतर्क रहें, क्योंकि अमेरिकी आव्रजन अधिकारी अब सोशल मीडिया पर भी नजर रख रहे हैं।