नई दिल्ली: अब घने कोहरे में भी ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कवच तकनीक

खबर शेयर करें

उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है और सुबह और रात के समय घना कोहरा छाने के कारण विजिबिलिटी में भारी कमी आ रही है। इस कोहरे की वजह से भारतीय रेलवे में लोको पायलट्स को ट्रैक पर ट्रेनों को देखना मुश्किल हो जाता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन अब एक नई तकनीक ने इस समस्या का समाधान कर दिया है, जिससे ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ गई है।

यह भी पढ़ें 👉  मणिमहेश यात्रा पर लैंडस्लाइड का कहर, 11 श्रद्धालुओं की मौत

इस तकनीक का नाम है कवच, जो ट्रेनों की आमने-सामने की टक्कर को टालने में मदद करता है। कवच के द्वारा लोको पायलट्स को ट्रैक पर आ रही या जा रही ट्रेनों के बारे में आसानी से जानकारी मिल जाती है, जिससे उनकी यात्रा और भी सुरक्षित हो जाती है। अब घने कोहरे के बावजूद लोको पायलट्स को बाहर देखे बिना ही सिग्नल का पता चल सकता है, जिससे उनकी काम में और भी सुविधा हो रही है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस कवच तकनीक से जुड़ा एक वीडियो ‘एक्स’ पर शेयर किया और बताया कि किस तरह से यह तकनीक लोको पायलट्स को घने कोहरे में सिग्नल की जानकारी देती है। वैष्णव ने पोस्ट किया, “बाहर घना कोहरा है। कवच ट्रेन के अंदर ही सिग्नल दिखा देता है। पायलट को सिग्नल के लिए बाहर देखने की जरूरत नहीं पड़ती।”

यह भी पढ़ें 👉  दिल्ली में लागू होगी आयुष्मान भारत योजना, सरकार ने गठित की आठ समितियां

रेल मंत्रालय के अनुसार, कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है, जिसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह तकनीक लोको पायलट्स को ब्रेक लगाने में विफल होने पर खुद ही ब्रेक लगाकर ट्रेन को निर्धारित स्पीड लिमिट के भीतर चलाने में मदद करती है। इसके अलावा, खराब मौसम में भी यह तकनीक ट्रेनों को सुरक्षित रूप से चलाने में मददगार साबित होती है।

यह भी पढ़ें 👉  Budget 2025: छोटे कारोबारियों और MSME के लिए बड़ी सौगात, कर्ज और क्रेडिट योजनाओं का ऐलान

इस तकनीक के लागू होने से रेलवे यात्रा में सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है, और यह यात्रियों के लिए भी राहत की बात है।

You cannot copy content of this page