नई दिल्ली: भारत की सख्ती के बाद पाकिस्तान ने किया मिसाइल परीक्षण, बढ़ा क्षेत्रीय तनाव

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी गई। भारत की इस कार्रवाई के 24 घंटे के भीतर ही पाकिस्तान ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के परीक्षण की घोषणा कर दी, जिससे दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध और अधिक तल्ख हो गए हैं।

कराची तट के पास किया गया परीक्षण
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल के बीच अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र में कराची तट के पास मिसाइल परीक्षण की अधिसूचना जारी की है। यह मिसाइल परीक्षण न केवल तकनीकी अभ्यास माना जा रहा है, बल्कि इसे एक रणनीतिक और राजनीतिक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है।

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भारत की सतर्क निगरानी
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की इस गतिविधि पर कड़ी नजर बनाए रखी है। रक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस परीक्षण की टाइमिंग संयोग नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, खासकर ऐसे समय में जब भारत ने पहलगाम हमले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।

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रक्षा विशेषज्ञों की राय
रक्षा मामलों के जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम तनाव की स्थिति में दबाव बनाने और जवाबी संदेश देने की कोशिश है। विशेषज्ञों ने इसे “सांकेतिक शक्ति प्रदर्शन” करार दिया है जो पाकिस्तान द्वारा अक्सर संकट की घड़ी में अपनाई जाने वाली रणनीति होती है।

पृष्ठभूमि में आतंकवाद और कूटनीति
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में तीन पाकिस्तानी आतंकियों की भूमिका सामने आने के बाद भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने की रणनीति अपनाई है। ऐसे में पाकिस्तान का यह मिसाइल परीक्षण तनाव को और बढ़ा सकता है और क्षेत्रीय शांति पर गंभीर असर डाल सकता है।

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फिलहाल दक्षिण एशिया में सुरक्षा स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजर भारत-पाक संबंधों में आए इस नए मोड़ पर टिक गई है।

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