13 वर्षों में 18 लाख से अधिक भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता, 2022-23 में हर साल दो लाख से ज्यादा ने किया त्याग: RTI से खुलासा

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काशीपुर। वर्ष 2011 से 2023 के बीच 13 वर्षों में 18 लाख से अधिक भारतीय नागरिकों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़कर अन्य देशों की नागरिकता प्राप्त की है। चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2022 और 2023 में यह आंकड़ा प्रतिवर्ष दो लाख से भी अधिक रहा। यह जानकारी काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) को विदेश मंत्रालय से सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त हुई है।

नदीम उद्दीन ने विदेश मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी से भारत की नागरिकता त्याग कर विदेशी नागरिकता अपनाने वाले भारतीयों की संख्या के संबंध में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में विदेश मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी एवं अवर सचिव तरुण कुमार ने पत्रांक 551 के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराई। इसमें बताया गया कि यह जानकारी राज्यसभा में सांसद कपिल सिब्बल और डॉ. जॉन बिट्स द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में सार्वजनिक की जा चुकी है, साथ ही उसका इंटरनेट लिंक भी उपलब्ध कराया गया।

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उक्त लिंक से सांसदों के प्रश्नों के उत्तर डाउनलोड करने पर सामने आया कि वर्ष 2022 में सर्वाधिक 2,25,620 भारतीय नागरिकों ने स्वेच्छा से अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी। दूसरे स्थान पर वर्ष 2023 रहा, जिसमें 2,16,219 भारतीयों ने नागरिकता त्यागी। वहीं, पिछले 13 वर्षों में सबसे कम नागरिकता त्यागने का आंकड़ा वर्ष 2020 में दर्ज किया गया, जब 85,256 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी।

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आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 में 1,22,819, वर्ष 2012 में 1,20,923, वर्ष 2013 में 1,31,405, वर्ष 2014 में 1,29,328, वर्ष 2015 में 1,31,489, वर्ष 2016 में 1,41,603, वर्ष 2017 में 1,33,049, वर्ष 2018 में 1,34,561, वर्ष 2019 में 1,44,017, वर्ष 2020 में 85,256, वर्ष 2021 में 1,63,370, वर्ष 2022 में 2,25,620 और वर्ष 2023 में 2,16,219 भारतीय नागरिकों ने स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता का त्याग किया।

विदेश मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले लोगों ने विश्व के 135 देशों की नागरिकता प्राप्त की है। इनमें पड़ोसी देश बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ-साथ विकसित देश यूके, अमेरिका, रूस, चीन, इटली, फ्रांस, जर्मनी और जापान शामिल हैं।

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इसके अलावा आर्थिक रूप से समृद्ध या उभरते देशों जैसे इराक, ईरान, तुर्की, यमन, जाम्बिया, कजाकिस्तान, केनिया, मलेशिया, मालदीव, ओमान, कतर, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और सूडान की नागरिकता भी भारतीयों द्वारा अपनाई गई है। इस आंकड़े ने देश में नागरिकता त्यागने के बढ़ते रुझान पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।