एलयूसीसी घोटाला: 100 करोड़ की ठगी उजागर, हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच शुरू

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देहरादून। उत्तराखंड समेत कई राज्यों में सक्रिय रहे लोनी अर्बन मल्टी क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी (एलयूसीसी) द्वारा की गई बड़ी ठगी का जाल अब पूरी तरह सामने आ चुका है। उत्तराखंड पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी ने प्रदेशभर के गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों से तकरीबन 100 करोड़ रुपये ठगे। पीड़ितों में दिहाड़ी मजदूर, फेरी लगाने वाली महिलाएं और गृहणियां सबसे अधिक शामिल हैं, जिन्हें लालच देकर जमा योजनाओं में पैसे लगवाए गए थे।

पुलिस जांच में सामने आए बड़े खुलासे
एलयूसीसी न केवल उत्तराखंड बल्कि उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में भी सक्रिय थी। जहां-जहां भी कंपनी ने अपने कार्यालय खोले, वहां लोगों से अवैध जमा योजनाओं के नाम पर भारी रकम वसूली गई। सभी मामलों में धोखाधड़ी और बेनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम (बड्स एक्ट) के तहत मुकदमे दर्ज हुए, जो अब स्पेशल बड्स एक्ट कोर्ट में लंबित हैं।
प्रकरण गंभीर होने के चलते पुलिस मुख्यालय भी शुरुआती दौर से इसकी निगरानी कर रहा था।

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पीड़ितों के आंदोलनों के बाद हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
मार्च 2025 में ऋषिकेश निवासी एक व्यक्ति ने इस पूरे घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए पीआईएल दायर की। इसके बाद एक और याचिका दाखिल हुई। दोनों पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 17 सितंबर 2025 को सीबीआई जांच के आदेश दिए।

महिलाएं मार्च 2025 से लगातार आंदोलन कर रही थीं। कभी कोर्ट परिसर में प्रदर्शन, तो कभी राजभवन कूच कर रोष जताया गया। सितंबर में आंदोलन ने बड़ा रूप ले लिया।

10 एफआईआर और सभी मामलों में चार्जशीट दायर
देवप्रयाग, घनसाली, कोटद्वार, पौड़ी, श्रीनगर, ऋषिकेश, देहरादून (पटेलनगर), उत्तरकाशी, चंबा और नई टिहरी थानों में 2024–25 के बीच कुल 10 एफआईआर दर्ज हुईं। पुलिस इन सभी मामलों में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

इन 46 लोगों और संस्थाओं को बनाया गया आरोपी
मुख्य आरोपी और संचालक
समीर अग्रवाल – मालिक, निवासी घनसोली, नवी मुंबई
दिनेश सिंह – चेयरमैन, निवासी लोनी, गाजियाबाद
आरके शेट्टी – मुंबई
संजय मुद्गिल – ऊना, हिमाचल
श्रेयस तलपड़े – ब्रांड एम्बेसडर
आलोक नाथ – ब्रांड एम्बेसडर
अन्य आरोपी
7.⁠ उत्तम कुमार सिंह राजपूत – बाराबंकी
8.⁠ माया राजपूत – बाराबंकी
9.⁠ शबाब हुसैन रिजवी – जालौन
10.⁠ अरविंद कुशवाहा – जालौन
11.⁠ अजय कुमार श्रवणकर – कोंच
12.⁠ साबिर अली – लखीमपुर खीरी
13.⁠ राकेश कुमार वर्मा – बलरामपुर
14.⁠ रघुवेंद्र सिंह – जालौन
15.⁠ संजीव कुमार खरे – जालौन
16.⁠ संतोष कुमार मिश्रा – बाराबंकी
17.⁠ शशिभानु सिंह – जालौन
18.⁠ मंजर हुसैन – बाराबंकी
19.⁠ द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट सोसाइटी – गाजियाबाद
20.⁠ गिरीश चंद सिंह बिष्ट – ऋषिकेश
21.⁠ उर्मिला बिष्ट – ऋषिकेश
22.⁠ जगमोहन बिष्ट – ऋषिकेश
23.⁠ शिवानी – ऋषिकेश
24.⁠ अनिता नेगी – ऋषिकेश
25.⁠ विनीता भट्ट – ऋषिकेश
26.⁠ तरुण मौर्य – ऋषिकेश
27.⁠ बिमला सक्सेना – पौड़ी
28.⁠ शैलेन्द्र – ब्रांच मैनेजर, चमोली
29.⁠ ममता भंडारी – ब्रांच मैनेजर, श्रीनगर
30.⁠ परितोष पंत – देहरादून
31.⁠ विनीत सिंह – अज्ञात
32.⁠ प्रज्ञा रावत – कोटद्वार
33.⁠ सरोजनी बिष्ट – कोटद्वार
34.⁠ सोनिया रावत – कोटद्वार
35.⁠ हरेंद्र सिंह – श्रीनगर
36.⁠ प्रकाश सिंह भंडारी – ऋषिकेश
37.⁠ प्रकाश भंडारी – ऋषिकेश
38.⁠ नेहा भंडारी – ऋषिकेश
39.⁠ संगीता राणा – रानीपोखरी
40.⁠ विजेंद्र पुष्पवान – ऊखीमठ
41.⁠ इंदु उपाध्याय – ब्रांच मैनेजर, ऋषिकेश
42.⁠ महेंद्र – डाकपत्थर
43.⁠ शम्मी – डाकपत्थर
44.⁠ गोविंद वर्मा – डाकपत्थर
45.⁠ शुभम ममगाईं – रानीपोखरी
46.⁠ हिमांशु शर्मा – रानीपोखरी

आगे की कार्रवाई अब सीबीआई की निगरानी में
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद मामला अब सीबीआई के पास है। एजेंसी जल्द सभी केस फाइलें अपने कब्जे में लेकर बड़े स्तर पर पूछताछ और आर्थिक लेनदेन की जांच करेगी। पीड़ितों को उम्मीद है कि केंद्रीय जांच से घोटाले के मास्टरमाइंड और नेटवर्क की पूरी परतें खुलेंगी और उनकी मेहनत की कमाई वापस मिलेगी।

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