अबू धाबी में भारतीय महिला को फांसी, दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

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नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में उत्तर प्रदेश की रहने वाली शहजादी खान को 15 फरवरी 2025 को फांसी दे दी गई। दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय दूतावास शहजादी के परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है। अंतिम संस्कार 5 मार्च को अबू धाबी में किया जाएगा।

हाईकोर्ट में हुआ खुलासा, जस्टिस ने जताया दुख

दिल्ली हाईकोर्ट में शहजादी के पिता शब्बीर खान की याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने तस्दीक की कि शहजादी को फांसी दी जा चुकी है। इस पर जस्टिस सचिन दत्ता ने इसे “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। पिछले चार महीनों से शहजादी का मामला भारतीय मीडिया में चर्चा में था और इस बात को लेकर असमंजस था कि क्या उसे माफ कर दिया जाएगा या उसकी सजा उम्रकैद में बदली जाएगी।

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सरकार बोली- UAE में शिशु हत्या को लेकर सख्त कानून

केंद्र सरकार ने बताया कि दुबई स्थित भारतीय दूतावास शहजादी के परिवार को अंतिम संस्कार में शामिल होने की सुविधा देने का प्रयास कर रहा है। सरकार ने कहा कि हमने हरसंभव प्रयास किया, लेकिन UAE में शिशु हत्या के मामलों में कड़े कानून होने के कारण कोई राहत नहीं मिल पाई।

कैसे फंसी शहजादी? पिता ने लगाए गंभीर आरोप

शहजादी के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी का मजबूती से बचाव नहीं किया गया और उस पर अपराध कबूलने का दबाव डाला गया। उनका कहना है कि शिशु की मौत के बाद माता-पिता ने पोस्टमार्टम से इनकार किया, फिर बिना ठोस सबूतों के उनकी बेटी को कैसे दोषी ठहराया गया?

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धोखे से UAE भेजी गई थी शहजादी

  • बांदा, उत्तर प्रदेश की रहने वाली 33 वर्षीय शहजादी खान की ऑनलाइन दोस्ती आगरा के एक युवक से हुई।
  • युवक ने उसे इलाज के लिए आगरा बुलाया, क्योंकि शहजादी के चेहरे पर जले का निशान था।
  • आगरा पहुंचने पर युवक ने छल से उसे दुबई भेज दिया, जहां उसकी बहन को एक घरेलू नौकरानी की जरूरत थी।
  • दिसंबर 2021 में शहजादी कानूनी वीजा पर अबू धाबी पहुंची।
  • अगस्त 2022 में उसके नियोक्ता के घर बेटा पैदा हुआ, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी शहजादी को दी गई।
  • 7 दिसंबर 2022 को शिशु को टीका लगाया गया और उसी शाम अचानक उसकी मौत हो गई।
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31 जुलाई 2023 को सुनाई गई थी मौत की सजा

शिशु की मौत के बाद 10 फरवरी 2023 को शहजादी को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
31 जुलाई 2023 को अबू धाबी की अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई और अल वथबा जेल में रखा गया।

आखिरी फोन कॉल में जताई थी आशंका

14 फरवरी 2025 को शहजादी ने अपने पिता को जेल से फोन कर बताया कि उसे एक-दो दिन में फांसी दे दी जाएगी और यह उसकी आखिरी कॉल होगी। इस मामले में भारत सरकार की कोशिशों के बावजूद सजा नहीं बदली गई, जिससे परिवार सदमे में है और न्याय की मांग कर रहा है।