नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के दिन 14 अगस्त को मतदान से पूर्व 5 जिला पंचायत सदस्यों के कथित अपहरण प्रकरण पर आज (सोमवार) नैनीताल हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर आमजन की निगाहें टिकी हुई हैं। यह मामला मुख्य न्यायाधीश की पीठ में सुनवाई हेतु 21वें नंबर पर सूचीबद्ध है।
गौरतलब है कि 14 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में खंडपीठ ने नैनीताल के एसएसपी को गुमशुदा सदस्यों को मतदान में शामिल कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन उनका पता न लग पाने से वे मतदान में भाग नहीं ले सके। बाद में एसएसपी की ओर से कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया कि संबंधित सदस्य स्वेच्छा से मतदान में शामिल नहीं हुए। अब इन शपथ पत्रों पर भी कोर्ट में बहस होने की संभावना है।
इस मामले में एक और अहम पहलू यह है कि जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी वंदना ने गुम सदस्यों की गैरमौजूदगी में मतगणना कर तो ली, लेकिन विजयी प्रत्याशियों को प्रमाणपत्र जारी नहीं किया और मतपत्रों को सुरक्षित रखा। ये मतपत्र भी आज कोर्ट में पेश होंगे।
इस बीच गुमशुदा सदस्यों—डिकर सिंह मेवाड़ी, प्रमोद कोटलिया, दीप सिंह बिष्ट, विपिन जंतवाल और तरुण शर्मा ने वीडियो जारी कर दावा किया है कि वे अपहृत नहीं हुए, बल्कि अपनी मर्जी से घूमने गए थे। जबकि उनके परिजनों ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया है। संभावना जताई जा रही है कि पुलिस आज इन सदस्यों को कोर्ट में पेश कर सकती है।
इसके अलावा, तल्लीताल थाने में कांग्रेस, भाजपा और अन्य दलों की ओर से दर्ज एफआईआर की प्रतियां भी कोर्ट में रखी जाएंगी। ऐसे में हाईकोर्ट के रुख को लेकर जनमानस में गहरी उत्सुकता बनी हुई है।

