मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस नीति का दिख रहा असर, चार साल में 82 ट्रैप, 94 गिरफ्तारियां
देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस नीति का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है। विजिलेंस को मिली खुली छूट के बाद राज्य में न केवल ट्रैप की संख्या में इजाफा हुआ है, बल्कि गिरफ्तारी और अदालतों से सजा दिलाने की दर में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
साल 2021 से जुलाई 2025 तक विजिलेंस ने कुल 82 ट्रैप ऑपरेशन के तहत 94 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें 13 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। यही नहीं, कोर्ट में 71 प्रतिशत मामलों में सजा दिलाने में भी विजिलेंस सफल रही है। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि जब तक किसी आरोपी पर अंतिम फैसला न आ जाए, उसे कोई पूर्व दायित्व या जिम्मेदारी न सौंपी जाए।
पिछले चार वर्षों का रिपोर्ट कार्ड
वर्ष | गिरफ्तारियां | निर्णय | सजा |
---|---|---|---|
2021 | 07 | 02 | 02 |
2022 | 15 | 03 | 01 |
2023 | 20 | 18 | 16 |
2024 | 38 | 13 | 07 |
2025* | 14 | 03 | 02 |
*(आंकड़े 15 जुलाई 2025 तक के हैं) |
विजिलेंस की बड़ी कार्रवाइयां
- लोक निर्माण विभाग के एई को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
- यूपीसीएल के जेई को 15 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
- एलआईयू उपनिरीक्षक व मुख्य आरक्षी को रामनगर में रिश्वत लेते दबोचा गया।
- रोडवेज AGM को 90 हजार की रिश्वत लेते काशीपुर में पकड़ा गया।
- खंड शिक्षा अधिकारी को हरिद्वार में 10 हजार की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
- GST सहायक आयुक्त को देहरादून में 75 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
- जिला आबकारी अधिकारी को रुद्रपुर में 10 लाख के माल पर 10% रिश्वत लेते पकड़ा गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते हैं। विजिलेंस को पूरी छूट दी गई है और अदालतों में भी मजबूत पैरवी करवाई जा रही है, जिससे भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाई जा सके।”
साथ ही जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए टोल फ्री नंबर 1064 पर शिकायत दर्ज कराने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। सरकार का स्पष्ट संदेश है—भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी रहेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।