ईपीएफओ सेवाओं के लिए अब सिर्फ चेहरे की पहचान होगी जरूरी: केंद्रीय मंत्री मांडविया

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नई दिल्ली। सरकार ने ईपीएफओ सदस्यों के लिए डिजिटल सेवाओं को और सरल बनाने का बड़ा फैसला लिया है। अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों को सिर्फ चेहरे की पहचान (फेस ऑथेंटिकेशन) कराना होगा। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को इसकी घोषणा की।

अब उमंग एप से बनेगा यूएएन

मंत्री ने बताया कि कर्मचारी अब उमंग मोबाइल एप के जरिए आधार फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) का उपयोग कर सीधे अपना सार्वभौमिक भविष्य निधि खाता संख्या (यूएएन) बना सकते हैं और सक्रिय कर सकते हैं। नियोक्ता भी नए कर्मचारियों के लिए इसी तकनीक का उपयोग कर यूएएन जेनरेट कर सकेंगे।

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कैसे मिलेगा लाभ?

  1. कर्मचारी उमंग एप खोलकर फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए यूएएन आवंटन और एक्टिवेशन की प्रक्रिया पूरी करेगा।
  2. आधार-आधारित सत्यापन के बाद यूएएन जेनरेट हो जाएगा और संबंधित कर्मचारी के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस से भेजा जाएगा।
  3. यूएएन बनने के बाद, कर्मचारी उमंग एप या सदस्य पोर्टल से यूएएन कार्ड डाउनलोड कर सकेगा।
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सुरक्षा होगी ज्यादा मजबूत

मंत्री मांडविया ने कहा कि चेहरा प्रमाणीकरण (Face Authentication) पारंपरिक बायोमेट्रिक, ओटीपी और जनसांख्यिकीय प्रमाणीकरण की तुलना में अधिक सुरक्षित और आसान है। इससे करोड़ों ईपीएफओ सदस्यों को संपर्क रहित, डिजिटल और सुरक्षित सेवाएं मिलेंगी।

ईएसआईसी योजनाओं का भी विस्तार

इसके अलावा, मंत्री ने बिहार के छह जिलों – अररिया, सहरसा, औरंगाबाद, बांका, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत पूर्ण रूप से अधिसूचित करने की घोषणा की। इससे 24,000 अतिरिक्त लोग ईएसआईसी की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में आएंगे।

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इस फैसले से ईपीएफओ सदस्यों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा मिलेगी, साथ ही डिजिटल इंडिया की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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