सर्दी की पहली बारिश से किसानों में खुशी, फसलों के लिए वरदान साबित होगी

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हल्द्वानी। उत्तराखंड में सर्दी की पहली बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हुई यह बारिश गेहूं, जौ, चना, टमाटर और अन्य सब्जियों के लिए अमृत समान मानी जा रही है। जैविक कृषक अनिल पांडे का कहना है कि इस बारिश से न केवल फसलों को पर्याप्त नमी मिलेगी, बल्कि फसलों में लगने वाले रोग और कीट-पतंगों की रोकथाम भी होगी।

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फसल उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
गोरापड़ाव के जैविक कृषक अनिल पांडे ने बताया कि बारिश से खेतों में नमी बढ़ेगी, जो रबी फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए आवश्यक है। यह बारिश फसलों के विकास में सहायक होगी और किसानों को रसायनिक दवाओं पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी।

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रोगों और कीटों पर नियंत्रण
सर्दी की बारिश का एक बड़ा फायदा यह है कि यह फसलों में लगने वाले रोगों और कीटों को नियंत्रित करती है। इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा।

सब्जी उत्पादन को मिलेगा लाभ
टमाटर और अन्य सब्जियों के लिए भी यह बारिश बेहद लाभदायक है। किसान अब फसल की अच्छी पैदावार की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकती है।

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किसानों में उत्साह
पहाड़ों और मैदानों में हुई इस पहली बारिश ने किसानों को राहत दी है। बारिश के बाद मौसम साफ होने से खेतों में कामकाज भी शुरू हो गया है। किसान इस बारिश को अपने लिए वरदान मान रहे हैं।

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