झबरेड़ा (हरिद्वार)। ऋण वसूली को लेकर बैंक प्रबंधक और दो कर्मचारियों की प्रताड़ना से परेशान किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी। मरने से पहले किसान ने बैंक प्रबंधक और दोनों कर्मचारियों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर प्रबंधक और दोनों कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला
सुसाडी गांव निवासी किसान सुधीर कुमार ने यूनियन बैंक की शाखा से ऋण लिया था। आर्थिक तंगी के चलते वह ऋण चुकाने में असमर्थ था। परिजनों का आरोप है कि बैंक प्रबंधक और दो कर्मचारी सुधीर और उसके परिवार को लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। प्रताड़ना से तंग आकर सुधीर ने पिछले सप्ताह जहरीला पदार्थ खा लिया। परिजन उसे अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मरने से पहले दर्ज कराया बयान
पुलिस के अनुसार, सुधीर ने अस्पताल में इलाज के दौरान बयान दर्ज कराए थे, जिसमें उसने बैंक प्रबंधक और दोनों कर्मचारियों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। मृतक के भाई सुनील दत्त ने पुलिस को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई थी।
पुलिस ने की कार्रवाई
झबरेड़ा थाना अध्यक्ष अंकुर शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की गई और आरोप सही पाए गए। इसके आधार पर बैंक प्रबंधक और दो कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
परिवार ने की न्याय की मांग
मृतक के परिवार का कहना है कि बैंक की प्रताड़ना ने उन्हें बड़ी त्रासदी झेलने पर मजबूर कर दिया। परिवार ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
यह घटना बैंकिंग प्रणाली में मानवीय संवेदनाओं की कमी और ऋण वसूली के अमानवीय तरीकों पर सवाल खड़े करती है।