ब्रिटिश सांसदों को इजरायल में प्रवेश से रोका, हिरासत में लेकर किया डिपोर्ट; ब्रिटेन ने जताई कड़ी आपत्ति

खबर शेयर करें

येरूशलम। इजरायल ने ब्रिटेन की सत्ताधारी लेबर पार्टी की दो सांसदों को देश में प्रवेश देने से इनकार करते हुए उन्हें एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया और बाद में डिपोर्ट कर दिया। इस घटना पर ब्रिटेन सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी ने इसे ‘अस्वीकार्य और गंभीर चिंता का विषय’ बताया है।

एयरपोर्ट पर हिरासत और डिपोर्टेशन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटिश सांसद युआन यांग और अब्तिसम मोहम्मद लंदन से इजरायल पहुंची थीं, लेकिन इजरायली अधिकारियों ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया और देश में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया। बाद में दोनों को स्वदेश लौटा दिया गया।

यह भी पढ़ें 👉  बंगलूरू हाईकोर्ट में 'एक्स' का सरकार के खिलाफ मुकदमा, आईटी अधिनियम की धारा 79(3)(बी) को चुनौती

ब्रिटेन की तीखी प्रतिक्रिया

विदेश सचिव लैमी ने कहा, “यह पूरी तरह अस्वीकार्य है कि इजरायल ने हमारे संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ ऐसा व्यवहार किया। हमने इस पर अपनी कड़ी आपत्ति इजरायली सरकार को जता दी है।” उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटिश सांसदों के साथ इस तरह का रवैया द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में होली पर्व की तिथि का निर्धारण, 13 मार्च को होगा होलिका दहन, 15 मार्च को मनाया जाएगा होली पर्व

ब्रिटेन सरकार इस समय गाजा में संघर्षविराम, बंधकों की रिहाई और हिंसा को समाप्त करने के प्रयासों को प्राथमिकता दे रही है। इस घटना से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।

गाजा में सैन्य अभियान जारी, मृतकों की संख्या 50,609 पहुंची

इस बीच, गाजा में इजरायली सैन्य अभियान तेज हो गया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हालिया बमबारी में अब तक 1,249 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे 7 अक्टूबर 2023 से जारी युद्ध में कुल मृतकों की संख्या 50,609 तक पहुंच गई है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: भूकंप से पहले सतर्क करेगा ‘भूदेव’ एप, 15-30 सेकंड पहले मिलेगी चेतावनी

इजरायल ने स्पष्ट किया है कि उसका सैन्य अभियान हमास के कब्जे से बंधकों की रिहाई के लिए जारी है। पिछले महीने हुए अस्थायी युद्धविराम के टूटने के बाद फिर से भारी बमबारी शुरू हो गई है। नए सीजफायर समझौते के तहत हर हफ्ते 5 बंधकों की रिहाई पर सहमति बनी है।